सोनू को मिली ‘इच्छा मृत्यु’, मरने से पहले 11 पंडितों ने सुनाई गीता...पिलाया गंगाजल

punjabkesari.in Saturday, Dec 05, 2015 - 03:55 PM (IST)

इंदौर: भले ही भारत में इच्छा मृत्यु मांगने वाले इंसानों पर फैसला न हो पाया हो लेकिन 33 साल के हिमालयी भालू ''सोनू'' के लिए अधिकारियों की यह मांग सरकार ने मान ली। भालू सोनू इंदौर के चिड़ियाघर, कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में पिछले ढाई साल से बेहद तकलीफ़ भरी ज़िंदगी बिता रहा था। सोनू को लकवा मार गया था। सोनू ने आज दोपहर अंतिम सांस ली। सोनू को ‘इच्छा मृत्यु’ देने का प्रॉसेस वर्ल्ड सोसायटी फॉर दी प्रोटेक्शन आॅफ एनिमल्स की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए 11: 22 बजे पर शुरू हुआ।

सोनू को पिंजरे में मेकसेल्फ नामक केमिकल के तीन इंजेक्शन लगाए गए। इसके बाद कुछ देर के लिए पिंजरा ढंक दिया गया। पूरी तरह से बेहोश होने के बाद सोनू को पिंजरे से निकाला गया उसको मैग्निशियम सल्फेट की 300 एमएल की डोज दी गई। करीब एक घंटे बाद सोनू की धड़कने थम गईं। इच्छा मृत्यु देने से पहले सोनू को सुबह महामंडलेश्वर लक्ष्मणदास जी महाराज की मौजूदगी में 11 पंडितों ने गीता के श्लोक सुनाए। इसके बाद गंगाजल और तुलसी दल (पत्ता) दिया गया।

पोस्टमॉर्टम के बाद सोनू को चिड़ियाघर में ही दफना दिया जाएगा। सोनू की हालत को देखते हुए चिड़ियाघर प्रबंधन और उसकी सेवा में लगे स्टॉफ की सलाह पर करीब दो माह पूर्व चिड़ियाघर प्रबंधन ने सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी के पास दया याचिका लगाकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी। 45 साल पुराने इंदौर चिड़ियाघर और मध्यप्रदेश के इतिहास में इच्छा मृत्यु का यह पहला मामला है।


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