गृहस्थी और वैष्णव करें शुद्धा एकादशी व्रत, मिलेगा पुण्य लाभ

punjabkesari.in Monday, Jun 27, 2016 - 02:04 PM (IST)

ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार एकादशी तिथि का क्षय है परंतु 30 जून का व्रत स्मार्त के लिए और 1 जुलाई का व्रत वैष्णव के लिए धारण करना अति उत्तम है। धर्मसिन्धु निर्णय के अनुसार एकादशी दो प्रकार की  है, विद्धा और शुद्धा। नवमी तिथि से युक्त एकादशी विद्धा और सूर्योदयकालिक एकादशी तिथि द्वादशी से युक्त हो तो शुद्धा कहलाती है। गृहस्थियों को शुद्धा एकादशी का व्रत रखना श्रेष्ठ है जो 1 जुलाई को ही है। 

 

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी ‘योगिनी एकादशी’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस बार यह व्रत 1 जुलाई को है। पद्मपुराण के अनुसार भगवान को एकादशी अति प्रिय है इसलिए जो लोग किसी भी पक्ष की एकादशी का व्रत करते हैं तथा अपनी सामर्थ्यनुसार दान-पुण्य करते हैं वे अनेक प्रकार के सांसारिक सुखों का भोग करते हुए प्रभु के परमधाम को प्राप्त होते हैं। स्कंदपुराण के अनुसार श्री कृष्ण भगवान से बढ़कर कोई देवता नहीं और एकादशी से बढ़कर कोई व्रत नहीं। 

प्रस्तुति : वीना जोशी,जालंधर 

veenajoshi23@gmail.com

 


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