Magh Mela 2026: 75 वर्षों बाद बन रहा दुर्लभ शुभ संयोग, इन पावन तिथियों पर स्नान से मिलेगा विशेष पुण्य
punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 02:36 PM (IST)
Magh Mela 2026: माघ मेला हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जिसका आयोजन हर वर्ष धर्म नगरी प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर होता है। हिंदू शास्त्रों और पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलने वाला यह मेला स्नान, दान, तप और साधना के लिए विशेष फलदायी माना गया है। मान्यता है कि माघ मास में संगम में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

Magh Mela 2026 की शुरुआत
वर्ष 2026 में माघ मेले की शुरुआत 3 जनवरी को पौष पूर्णिमा से होगी। इसके अगले दिन यानी 4 जनवरी 2026 (रविवार) से माघ मास का आरंभ होगा। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र का योग बन रहा है, जो वैदिक ज्योतिष में अत्यंत शुभ माना जाता है। पुनर्वसु नक्षत्र के साथ माघ मास का आरंभ होना सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का संकेत देता है।
75 वर्षों बाद बन रहा विशेष शुभ संयोग
माघ मेला 2026 को खास बनाने वाला सबसे बड़ा कारण है मकर संक्रांति का दुर्लभ संयोग। वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब मकर संक्रांति के दिन शनि देव का अनुराधा नक्षत्र रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के समय यदि शनि का शुभ नक्षत्र हो, तो उस दिन किया गया स्नान, दान और जप कई गुना फल देता है। इस दिन संगम स्नान करने से सूर्य का तेज, शनि की कृपा और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

माघ मेला 2026 की प्रमुख स्नान तिथियां
पौष पूर्णिमा: 3 जनवरी 2026
मकर संक्रांति: 14 जनवरी 2026 (प्रातः स्नान 15 जनवरी को भी मान्य)
मौनी अमावस्या: 18 जनवरी 2026
बसंत पंचमी: 23 जनवरी 2026
माघ पूर्णिमा: 1 फरवरी 2026
महाशिवरात्रि: 15 फरवरी 2026

संक्रांति स्नान दो दिन क्यों?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 14 जनवरी 2026 को सूर्य दोपहर बाद मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए शास्त्रों में 14 जनवरी का सायंकालीन स्नान और 15 जनवरी का प्रातःकालीन स्नान दोनों को संक्रांति स्नान का पुण्य प्राप्त होगा। इसी कारण अलग-अलग स्थानों पर अलग तिथियां मान्य दिखाई देती हैं।
Magh Mela 2026 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना, पुण्य अर्जन और जीवन शुद्धि का दुर्लभ अवसर है। विशेष रूप से मकर संक्रांति का स्नान इस वर्ष अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है।

