तीन साल बाद इस राखी पर बहनें पूरे दिन बांध सकेंगी भाई को राखी

punjabkesari.in Friday, Aug 12, 2016 - 08:46 AM (IST)

भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन 18 अगस्त को मनाया जा रहा है। सिंहासन गौरी योग में रक्षासूत्र बांधे। ज्योतिषाचार्य शशि भूषण के अनुसार," शुभ महूर्त है 1.44 से लेकर 2.53 तक।"

 

इस बार सिंहासन गौरी योग में रक्षासूत्र बांधा जाएगा। तीन साल बाद भद्रा का साया नहीं पड़ेगा। वैसे तो सूर्योदय से लेकर दोपहर 2:53 बजे तक रक्षासूत्र बांधने का श्रेष्ठ मुहूर्त है परंतु ज्योतिषाचार्य शशि भूषण के अनुसार 1.44 से लेकर 2.53 तक शुभ महूर्त है, भद्रा का साया इस बार सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रहा है। इसके कारण प्रात:काल में भी रक्षाबंधन का संस्कार किया जा सकता है। तीन साल बाद इस राखी पर बहनें पूरे दिन भाई को राखी बांध सकेंगी।

 

शहर के बाजारों में राखी की रौनक नजर आने लगी है। पंडित जी के अनुसार," सरसों, स्वर्ण, केसर, चंदन अक्षत और दूर्बा रखकर रंगीन सूतक डोरे में बांधें और शुद्ध स्थान पर कलश की स्थापना कर विधि पूर्वक पूजन करें। फिर रक्षासूत्र को दाहिने हाथ में बांधे और इस मंत्र का उच्चारण करें, "येन बद्धो बली राजा दान वेन्द्रो महाबला:। तेन त्वांम नु बंधनामि रक्षे मा चल, मा चल।।"

 

सिंहासनयोग, गौरी योग सिंहासन योग गौरी योग दोनों योग मिलकर शुभ योग बना रहे हैं। सिंहासन राजपाट का प्रतीक है तो गौरी खुशहाली का। इसमें किए गए सारे कार्य मंगलमय होते हैं। सिंहासन योग भाई को सफलता दिलाएगा।

 

हिन्दूधर्म में प्रत्येक पूजा कार्य में हाथ में कलावा यानी धागा बांधने का विधान है। धागा व्यक्ति के उपनयन संस्कार से लेकर उसके अंतिम संस्कार तक सभी संस्कारों में बांधा जाता है। राखी का धागा भावनात्मक एकता का प्रतीक है। स्नेह विश्वास की डोर है। धागे से होने वाले संस्कारों में उपनयन संस्कार, विवाह और रक्षाबंधन प्रमुख हैं। 

 

पुरातन काल से वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा है। बरगद के वृक्ष को स्त्रियां धागा लपेटकर रोली, अक्षत, चंदन, धूप और दिखाकर पति के दीर्घायु होने की कामना करती हैं। आंवले के पेड़ पर धागा लपेटने के पीछे मान्यता है कि इससे परिवार धन-धान्य से परिपूर्ण होगा। 


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