श्राद्ध पक्ष में सोमवती अमावस्या तीन साल बाद, अगला योग 2028 में!

punjabkesari.in Saturday, Oct 10, 2015 - 09:35 AM (IST)

श्राद्ध पक्ष में आने वाली सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। इस बार तीन सालों के बाद सोमवती अमावस्या के आने से 12 अक्टूबर सोमवार को विशेष पुण्य देने वाले योग बन रहे हैं। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दौरान सुबह 11 बजे तक पितरों की पूजा-अर्चना कर 12 बजे ब्राह्मण को भोजन करवाया जाता है लेकिन इस बार पितरों की तृप्ति के लिए दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक का मुहूर्त है। 
 
अंतिम तीस वर्षों में ऐसा सातवीं बार हुआ है जब श्राद्ध पक्ष में सोमवती अमावस्या आई हो और अगला योग तेरह साल बाद 2028 में बनेगा। खास यह है कि अमावस्या पूरे दिन रहेगी। अमावस्या के दिन सूर्य-चंद्र दोनों एक सीध में रहते हैं। सूर्य-चंद्र दोनों देवता हैं और अमावस्या पितृ कार्य का दिन है। इस अमावस्या का विशेष ज्योतिषीय महत्त्व इसलिए भी है क्योंकि इस बार न केवल सूर्य और चन्द्र कन्या राशि में हैं बल्कि राहु और बुध भी सूर्य और चन्द्र की उच्च कन्या राशि के साथ युक्ति करके दो ग्रहण के योग बना रहे हैं जिससे तर्पण, पितृदोष, श्राद्ध का चार गुणा फल मिलेगा।
 
अमावस्या तिथि सूर्योदय से दूसरे दिन सुबह 5.36 बजे तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार सोमवार को जब भी अमावस्या हो और वह शाम को रहे तो वह सहस्त्र गोदान का पुण्य प्रदान करती है।
 
ज्योतिर्विद कर्मकांडी प. सोमेश्वर जोशी

someshjoshimca@gmail.com 


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