सूर्य ग्रहण में रखें कुछ बातों का ध्यान, मिलेगा पुण्य लाभ

punjabkesari.in Tuesday, Mar 08, 2016 - 11:25 AM (IST)

क्या करें, क्या नहीं 
ग्रहण काल में सूर्य को सीधे न देखें। खुले में खाद्य सामग्री न रखें। संक्रमण व विकिरणों से बचने के लिए तुलसी का प्रयोग करें। ग्रहण लगने से पहले और दो दिन बाद तक के संक्रमण काल में कोई शुभ अथवा अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य, विवाह, निर्माण, नए व्यवसाय का आरंभ नहीं करना चाहिए।
 
सूतक तथा ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श, अनावश्यक खाना-पीना, संसर्ग आदि से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाएं अधिक श्रम न करें। मान्यता है कि गर्भस्थ शिशु या ग्रहण काल में गर्भवती होने से जन्म लेने वाली संतान पर शारीरिक प्रभाव पड़ता है। 
सामान्य रहें।
 
क्या करें दान?
 * ग्रहण समाप्ति पर दान करना चाहिए। ओम् नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।  
 
* जिनकी साढ़ेसाती चल रही हो वे जातक अपने वजन के बराबर तुलादान कर सकते हैं या 12 किलो ऐसा अनाज अलग-अलग लिफाफों में डालकर दान दे सकते हैं। 
 
* कालसर्प दोष के जातक विशेष जाप, महामृत्युंजय मंत्र व राहु-केतू के मंत्र जप सकते हैं। 
 
 * व्यापार वृद्धि हेतु गल्ले में दक्षिणावर्त शंख, 7 लघु नारियल, 7 गोमती चक्र  रखें।
 
 * रोग मुक्ति हेतु  ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए महामृत्युंजय यंत्र का अभिषेक करें। कांसे की कटोरी में पिघला देसी घी भरें, एक रुपया या चांदी या सोने का सिक्का या टुकड़ा डालें। इसमें रोगी अपनी छाया देखें और दान कर दें।
 
 * धन प्राप्ति के लिए श्री यंत्र या कुबेर यंत्र पूजा स्थान पर अभिमंत्रित करवा के रखें। 

 * ग्रहण काल में कालसर्प योग या राहु दोष की शांति किसी सुयोग्य कर्मकांडी द्वारा करवाएं। 


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