दुनिया की सबसे महंगी पेंटिंग को लेकर खुला रहस्य, सऊदी युवराज से जुड़ा कनैक्शन
punjabkesari.in Tuesday, Jun 11, 2019 - 02:50 PM (IST)

दुबईः दुनिया की सबसे महंगी कृतियों में शुमार लियोनार्डो दा विंची की पेंटिंग 'साल्वाटोर मुंडी' जो , रिकॉर्ड 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर में बिकी थी, के मालिक को लेकर रहस्य से पर्दा उठता जा रहा है। सोमवार को लंदन में बसे आर्ट डीलर केनी शाक्टर ने वेबसाइट आर्टन्यूज़ के लिए लिखे आलेख में इस रहस्य को उजागर करते हुए बताया कि अब यह पेंटिंग सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के विशाल यॉट पर मौजूद है।
वर्ष 2017 में क्रिस्टी'ज़ में हुई रिकॉर्ड नीलामी के बाद से यह पेंटिंग, जिसमें ईसा मसीह (Jesus Christ) को अंधेरे से निकलकर एक हाथ से दुनिया को आशीर्वाद देते हुए दिखाया गया है, जबकि उनके दूसरे हाथ में एक पारदर्शी ग्लोब मौजूद है, कभी सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई, जिसकी वजह से इसके मालिकान, पता-ठिकाना और वास्तविकता के बारे में सवाल उठने लगे थे। बहुत-से कला विशेषज्ञों की इस पेंटिंग के वास्तविक होने के बारे में अलग-अलग राय हैं, जिनमें से कुछ का कहना है कि इसे इतालवी कलाकार लियोनार्डो दा विंची ने खुद पेंट नहीं किया था, बल्कि इसे उनकी वर्कशॉप ने बनाया था।
'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने पहले खबर दी थी कि पेंटिंग को सऊदी शहज़ादे बद्र बिन अब्दुल्लाह ने सऊदी अरब के वली अहद (युवराज) की ओर से खरीदा था, जिन्हें MBS के नाम से जाना जाता है। लेकिन रियाद (सऊदी अरब) ने कभी भी इस ख़बर की पुष्टि या खंडन नहीं किया। लेकिन पेंटिंग की बिक्री में शामिल दो लोगों समेत कई सूत्रों का हवाला देते हुए शाक्टर ने दावा किया, पेंटिंग को "रातोंरात MBS के विमान से ले जाया गया, और उनके यॉट 'द सीरीन' पर लगा दिया गया। "
शाक्टर ने पहले यह कहा कि पेंटिंग काफी खस्ताहाल थी, और उसे नीलामी से पहले रीकन्स्ट्रक्ट करना पड़ा था, और फिर लिखा, "कभी-कभार पड़ने वाले समुद्री पानी के छपाके क्या नुकसान पहुंचा सकते हैं ?" केनी शाक्टर ने बाद में लिखा कि पेंटिंग को तब तक यॉट पर ही रखा जाएगा, जब तक उसे अल-उला गवर्नरेट में नहीं लगा दिया जाता। अल-उला गवर्नरेट सऊदी अरब की सरकार सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहती है।