पाकिस्तान में किसके पास है परमाणु बम का रिमोट, प्रधानमंत्री या आर्मी किसकी परमिशन से दागा जाएगा
punjabkesari.in Monday, May 05, 2025 - 09:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान और भारत के बीच हालिया तनाव के बीच, पाकिस्तान में परमाणु बम के नियंत्रण को लेकर सवाल उठ रहे हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना को रोकना और उच्चायोगों में राजनयिक कर्मचारियों की संख्या कम करना शामिल है। भारत का यह कदम पाकिस्तान को यह संदेश देने के लिए था कि वह हर आतंकवादी और उनके समर्थकों को दंडित करेगा।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी है कि इस मामले में यदि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता है तो यह बड़ा युद्ध का रूप ले सकता है, क्योंकि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के किसी भी कदम का जवाब देगा, लेकिन उम्मीद है कि बातचीत से इस मुद्दे का हल निकलेगा।
पाकिस्तान में परमाणु बम का नियंत्रण किसके पास है?
पाकिस्तान में परमाणु बमों का नियंत्रण मुख्य रूप से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास है। इनके पास परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का अंतिम निर्णय लेने की शक्ति है। इसके अलावा, पाकिस्तान की परमाणु कमान और नियंत्रण प्रणाली (NCCS) भी इन हथियारों पर नियंत्रण रखती है। हालांकि, सेना भी इसमें एक अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि परमाणु हथियारों की सुरक्षा और लॉन्चिंग की जिम्मेदारी सेना पर होती है।
पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम
पाकिस्तान ने अपना परमाणु कार्यक्रम 1970 के दशक में शुरू किया था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की परमाणु ताकत को चुनौती देना था। पाकिस्तान ने 1998 में अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए पहला परमाणु परीक्षण किया और तब से उसकी परमाणु शक्ति में लगातार वृद्धि हो रही है।
परमाणु हथियारों की सुरक्षा
पाकिस्तान का राष्ट्रीय कमांड प्राधिकरण (NCA) परमाणु हथियारों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। NCA के तहत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, सेना के शीर्ष कमांडर, और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल और सुरक्षा की निगरानी करते हैं।
भारत और पाकिस्तान के पास कितने परमाणु हथियार?
स्वीडिश थिंक टैंक SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास 172 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के परमाणु शस्त्रागार में भविष्य में थोड़ा विस्तार हो सकता है और दोनों ही देश नए प्रकार के परमाणु हथियार विकसित कर रहे हैं।
पाकिस्तान की परमाणु नीति
पाकिस्तान ने 'नो फर्स्ट यूज' (NFU) नीति को अपनाया नहीं है। पाकिस्तान का कहना है कि अगर देश पर हमला होता है, तो वह अपनी रक्षा के लिए किसी भी हथियार का इस्तेमाल कर सकता है, जिनमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं।