'पाकिस्तान की सरकार आतंकवादियों की सरपरस्ती करती है', पहलगाम हमले के बाद इस पूर्व क्रिकेटर ने किए खुलासे

punjabkesari.in Friday, Apr 25, 2025 - 03:22 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क:क्या पाकिस्तान की सत्ता सच में आतंकियों को हीरो मानती है? क्या उन मासूमों की जान की कोई कीमत नहीं जो आतंक के शिकार बनते हैं? पहलगाम में हुए खौफनाक आतंकी हमले के बाद एक ऐसा बयान आया जिसने सबको हिला दिया। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री ने आतंकियों को "स्वतंत्रता सेनानी" कहकर नई बहस को जन्म दे दिया। लेकिन इससे भी ज्यादा सनसनी मचाई है पाकिस्तान के एक पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ने, जिन्होंने खुलकर अपनी सरकार की नीयत पर सवाल उठा दिए। सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट्स वायरल हैं और उनके शब्दों में छिपा दर्द अब पाकिस्तान की सच्चाई को सामने ला रहा है। जानिए कौन हैं ये क्रिकेटर, क्या कहा उन्होंने और क्यों अब पाकिस्तान कटघरे में है...

क्या कहा था उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने?

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 निर्दोष पर्यटक मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन TRF (The Resistance Front) ने ली। लेकिन पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने इस हमले की निंदा करने के बजाय कहा – "जो हमला करने आए थे, वे स्वतंत्रता सेनानी भी हो सकते हैं।" उनके इस बयान पर भारत ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के अंदर से भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं।

दानिश कनेरिया ने फोड़ा सच का बम

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने इशाक डार के बयान पर भड़कते हुए एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा – "जब कोई देश का उप-प्रधानमंत्री आतंकियों को फ्रीडम फाइटर कहे, तो यह न सिर्फ शर्मनाक है बल्कि यह दुनिया को बताता है कि पाकिस्तान कैसे आतंकवाद को बढ़ावा देता है और उन्हें बचाता है।" उन्होंने लिखा कि इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान की सरकार खुद आतंकवादियों की सरपरस्ती करती है।

पहले भी प्रधानमंत्री को घेरा था

दानिश कनेरिया ने इससे पहले भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की चुप्पी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने लिखा था कि "जब मासूम लोग मारे जा रहे हैं, तब एक प्रधानमंत्री की खामोशी सबसे बड़ी सहमति बन जाती है। यह साबित करता है कि वो किसके साथ खड़े हैं – आतंक के या इंसानियत के?" कनेरिया ने साफ किया कि उनकी लड़ाई सरकार और आतंक को समर्थन देने वाले लोगों से है, ना कि पाकिस्तान की आम जनता से। उन्होंने एक और पोस्ट में लिखा – "मैं पाकिस्तान या वहां की अवाम के खिलाफ नहीं हूं। आम जनता ने सबसे ज्यादा आतंकवाद का दर्द झेला है। उन्हें ऐसा नेतृत्व चाहिए जो शांति के साथ खड़ा हो।"

 “मैंने भी उस दर्द को जिया है”

दानिश कनेरिया ने लिखा – "मैंने कभी गर्व से पाकिस्तान की जर्सी पहनी थी। क्रिकेट के मैदान पर अपना सब कुछ झोंक दिया था। लेकिन मुझे भी धर्म के आधार पर अलग-थलग किया गया। मेरे साथ भी वही हुआ जो आज पहलगाम में मारे गए लोगों के साथ हुआ – सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं हिंदू हूं।" उन्होंने लिखा – "जो लोग आतंकवाद को जायज ठहराते हैं, जो मासूमों की हत्या पर चुप रहते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। मैं सच के साथ हूं, मानवता के साथ हूं और मुझे यकीन है कि पाकिस्तान की जनता भी शांति चाहती है। उन्हें भटकाओ नहीं और बुराई का साथ मत दो।"

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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