ईरान पर हमला करने के बाद सामने आया व्हाइट हाउस का बयान, दुनिया को दिया बड़ा संदेश
punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 07:18 AM (IST)

वॉशिंगटन : ईरान पर हवाई हमले के बाद व्हाइट हाउस की ओर से एक सख्त बयान जारी किया गया है। बयान में दुनिया को बड़ा संदेश देते हुए कहा गया है कि ईरान में की गई सैन्य कार्रवाई यह साफ संदेश देती है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जो कहते हैं, वह करते हैं। अमेरिकी सदन के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने कहा एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के नेताओं को कई बार बातचीत और परमाणु निरस्त्रीकरण (न्यूक्लियर डिसआर्मामेंट) समझौते का मौका दिया, लेकिन ईरान ने हर बार इनकार किया। ट्रंप पहले ही साफ कर चुके थे कि अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार रखने की इजाज़त नहीं देगा, और अब यह चेतावनी कड़े और सटीक सैन्य कदम के ज़रिए लागू कर दी गई है।
जॉनसन ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का यह फैसला उस ईरान को रोकने के लिए है जिसे दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवाद समर्थक देश माना जाता है और जो "अमेरिका की मौत हो" जैसे नारे लगाता है। अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि ईरान जैसे देश के हाथों में परमाणु हथियार न पहुंचे। यह कदम अमेरिका की "अमेरिका फर्स्ट" नीति का हिस्सा बताया गया है। अंत में, व्हाइट हाउस ने अमेरिकी सेना के जवानों की तारीफ करते हुए कहा, "हमारी सेना दुनिया की सबसे ताकतवर फोर्स है। हम उनके सुरक्षित लौटने की प्रार्थना करते हैं। भगवान अमेरिका को आशीर्वाद दे।"
The military operations in Iran should serve as a clear reminder to our adversaries and allies that President Trump means what he says.
— Speaker Mike Johnson (@SpeakerJohnson) June 22, 2025
The President gave Iran’s leader every opportunity to make a deal, but Iran refused to commit to a nuclear disarmament agreement.
President… https://t.co/8lj3jAXQyx
3 ठिकानों पर किया गया हमला
बता दें कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान पर हवाई हमला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम "शक्ति, सटीकता और स्पष्टता" के साथ उठाया गया है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ईरान को परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते का मौका दिया था, लेकिन ईरान ने कोई रुख नहीं अपनाया। अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अमेरिका परमाणु हथियारों से लैस ईरान को कभी स्वीकार नहीं करेगा।
हमले के लिए बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया गया, जो दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमानों में से एक हैं। इनमें से कुछ विमानों को गुआम एयरबेस से उड़ान भरते देखा गया था। विशेष रूप से फोर्डो परमाणु ठिकाना, जो ज़मीन से 90 मीटर नीचे स्थित है, इस हमले का मुख्य निशाना बना।