UK की व्हिसलब्लोअर ने चीन और संयुक्त राष्ट्र में सांठगांठ की खोली पोल, मच गई सनसनी

punjabkesari.in Thursday, Apr 18, 2024 - 04:50 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः यूके संसद की विदेश समिति ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की अपनी जांच में मानवाधिकार उच्चायुक्त और चीनियों के बीच के संबंधों पर सवाल खड़ा कर दिया है। मिति ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की अपनी जांच लिखित रूप में प्रस्तुत की है जिसमें OHCHR  की पूर्व कर्मचारी एम्मा रीली ने आरोप लगाते हुए कहा कि OHCHR चीन का पक्ष ले रहा है जो कि खतरनाक है। ब्रिटेन की संसद की विदेश समिति  के अनुसार आरोप लगाया गया है कि संयुक्त राष्ट्र चीन की तरफदारी कर रहा है और इस सच को छिपाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विकास लक्ष्यों के लिए दो साल की बातचीत के दौरान बीजिंग ने सदन के दो अध्यक्षों को रिश्वत दी। 

 

विदेश मामलों की समिति ने 16 अप्रैल को जांच में अपना पहला साक्ष्य सत्र आयोजित किया। इसमें व्हिसलब्लोअर रीली और लॉर्ड मैलोच-ब्राउन सहित अन्य गवाहों की सुनवाई हुई।  समिति की जांच में पता चला कि किस तरह देशों की एक विस्तृत श्रृंखला बहुपक्षीय संगठनों का उपयोग कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया  कि चीन संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों पर शर्त भी लगाता है कि ताइवान के साथ राजनयिक संबंधों वाले राज्यों में धनराशि खर्च नहीं की जाएगी। रीली ने आरोप लगाया कि OHCHR का शाखा प्रमुख एक फ्रांसीसी नागरिक हैं, जो कि चीन को खूफिया जानकारी दे रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सभी अधिकारियों ने जानबूझकर यूके सहित सभी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य देशों से झूठ बोला है। जिन्होंने ब्रिटेन के नागरिकों और निवासियों सहित- पीआरसी को उनकी जानकारी या सहमति के बिना नाम सौंपने की संयुक्त राष्ट्र नीति के बारे में पूछताछ की थी। 


रीली ने आरोप लगाया कि ऐसे मामलों में जहां चीन को संयुक्त राष्ट्र सचिवालय द्वारा एनजीओ प्रतिनिधियों के नाम अग्रिम रूप से प्रदान किए गए थे। उन प्रतिनिधियों ने बताया है कि चीन की पुलिस उनके परिवार के सदस्यों से मिली। उन्हें फोन करने के लिए मजबूर किया। उनकी मनमाने ढंग से गिरफ्तारी और बैठक की अवधि के लिए घर में नजरबंद रखा गया। बिना किसी कारण के लंबी जेल की सजा सुनाई, यातना दी या एकाग्रता शिविरों में डाल दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ मामलों में उनके परिवार के सदस्यों की हिरासत में ही मौत हो गई। एक मामले में चीन सरकार ने एक एनजीओ प्रतिनिधि के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया। 
 


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Content Writer

Tanuja

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