स्टॉक मार्केट से लेकर पाउंड तकः अमीरों के लिए सिरदर्द  बना UK, 300 साल पुरानी विरासत  बेच छोड़ा लंदन

punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 04:53 PM (IST)

London: कभी दुनियाभर के रईसों के लिए पसंदीदा देश रहा ब्रिटेन अब उनके लिए ‘नरक’ बनता जा रहा है। ब्रिटेन की राजधानी लंदन से अमीरों का पलायन बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में अरबपति शिपिंग टायकून  जॉन फ्रेडरिकसन  ने भी लंदन छोड़ने का ऐलान कर दिया । फ्रेडरिकसन का कहना है कि लंदन में अब रहना मुश्किल हो गया है। वह अब UAE शिफ्ट हो रहे हैं और लंदन में अपनी 300 साल पुरानी प्रॉपर्टी भी बेच रहे हैं। उनसे पहले अरबपति क्रिश्चियन एंगरमेयर  और एस्टन विला फुटबॉल क्लब के मालिक नासेफ साविरिस भी ब्रिटेन को अलविदा कह चुके हैं।

 

ऐसे में सवाल ये है कि आखिर क्यों लंदन जो कभी अरबपतियों का घर कहलाता था, अब उन्हें रोक नहीं पा रहा है? लंदन से अमीरों के पलायन की रफ्तार इतनी तेज़ है कि इस मामले में इसने रूस की राजधानी मॉस्को को भी पीछे छोड़ दिया है. न्यू वर्ल्ड हेल्थ और हेनली एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में ही करीब 11,300 मिलियनेयर लंदन छोड़ चुके हैं। लंदन अमीर शहरों की लिस्ट में छठे नंबर पर खिसक गया है। लॉस एंजेलिस और न्यूयॉर्क जैसे शहर इसे पीछे छोड़ चुके हैं।

 

 क्यों मोहभंग हो रहा अमीरों का? 

टैक्स का बोझ: ब्रिटेन में टैक्स दुनिया के सबसे ऊंचे टैक्स में से एक है. एस्टेट ड्यूटी, कैपिटल गेन टैक्स समेत कई टैक्स अमीरों को परेशान कर रहे हैं. दूसरी तरफ दुबई, पेरिस, जेनेवा जैसे शहर टैक्स छूट और बेहतर अवसर दे रहे हैं।

 ब्रेक्सिट की मार:यूरोपीय यूनियन से अलग होने के बाद लंदन का ग्लोबल कनेक्शन पहले जैसा नहीं रहा. यूरोपीय बाजारों तक सीधी पहुंच में दिक्कतें आ रही हैं।

 आर्थिक कमजोरी: 2008 के वित्तीय संकट के बाद ब्रिटेन की इकोनॉमी अभी तक पूरी तरह पटरी पर नहीं लौटी है. पाउंड की वैल्यू भी लगातार गिर रही है. लंदन स्टॉक एक्सचेंज कभी दुनिया का सबसे बड़ा था, अब वह 11वें पायदान पर लुढ़क गया है।

 टेक्नोलॉजी का पलायन: धन सृजन के लिए अमेरिका और एशिया नए केंद्र बन गए हैं. सिंगापुर, सिलिकॉन वैली और मिडल ईस्ट के हब टेक्नोलॉजी उद्यमियों को ज्यादा मौके दे रहे हैं।
 

लंदन में इतना पैसा आया कैसे? 
लंदन में अरबपति बैंकर, हेज फंड मैनेजर, प्रॉपर्टी टायकून और निवेशकों की लंबी लिस्ट है। कई पीढ़ियों से अमीर ब्रिटिश परिवार भी अपनी संपत्ति को संभाले हुए हैं। ग्लोबल कनेक्टिविटी, स्टार्टअप इकोसिस्टम और हाई क्वालिटी एजुकेशन सिस्टम ने अमीरों को लंदन खींचा. लेकिन अब वही अमीर रुख मोड़ रहे हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक 2025 तक लंदन में अरबपतियों की संख्या घटकर सिर्फ  36 रह सकती है, जबकि पिछले साल ये आंकड़ा  89  था।
 
 


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Content Writer

Tanuja

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