चीन ने ट्रंप के आरोप किए खारिजः दी चेतावनी-रूस के साथ व्यापार में अड़गा मत लगाना वर्ना...
punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 06:46 PM (IST)

Bejing: चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस आलोचना को खारिज कर दिया कि भारत और चीन रूसी तेल की खरीद के जरिये यूक्रेन युद्ध के ''प्राथमिक वित्तपोषक'' हैं और बुधवार को कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) भी मास्को के साथ व्यापार कर रहे हैं। यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने चेतावनी दी कि यदि रूस के साथ उनकी कंपनियों के सामान्य व्यापार में बाधा उत्पन्न की जाती है तो बीजिंग अपने हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाएगा। उन्होंने ट्रंप की आलोचना को खारिज कर दिया। उन्होंने अमेरिकी नेता को याद दिलाया कि वाशिंगटन भी मास्को के साथ व्यापार कर रहा है और कहा, "अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित अनेक देश रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं।"
गुओ ने कहा कि चीनी और रूसी कंपनियों का सामान्य आदान-प्रदान और सहयोग विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों और बाजार सिद्धांतों के अनुरूप है। साथ ही उन्होंने कहा कि बीजिंग की कार्रवाई किसी तीसरे पक्ष के खिलाफ लक्षित नहीं है और "इसमें हस्तक्षेप या प्रभाव डालना उचित नहीं है।" उन्होंने यह भी दोहराया कि चीन ने यूक्रेन संकट पर हमेशा एक "वस्तुनिष्ठ और न्यायसंगत रुख" बनाए रखा है और लगातार शांति वार्ताओं का आह्वान किया है। प्रवक्ता ने कहा, "चीन अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।"
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में ट्रंप ने चीन और भारत पर रूसी तेल खरीद जारी रखकर यूक्रेन युद्ध के "प्राथमिक वित्तपोषक" होने का आरोप लगाया। उन्होंने रूस से यूरोपीय संघ के निरंतर ऊर्जा आयात की आलोचना की, लेकिन वाशिंगटन के मास्को के साथ अपने व्यापार को लेकर विशेष रूप से चुप्पी साधे रहे। ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल की खरीद के लिए भारत पर दंड स्वरूप अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिससे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गए हैं, जो विश्व में सबसे उच्चतम दरों में से एक है। पिछले महीने, भारत ने यह भी उल्लेखित किया था कि अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंध जारी रखे हुए हैं।