शांति प्रस्ताव पर बढ़ा विवादः ट्रंप बोले- जेलेंस्की बड़े “एहसान फरामोश”, यूक्रेन की मदद करने का कोई फायदा नहीं
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 04:58 PM (IST)
International Desk: रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका की ओर से तैयार शांति प्रस्ताव को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका द्वारा बड़े पैमाने पर हथियार भेजने और यूरोपीय देशों द्वारा रूस से तेल खरीदकर भी यूक्रेन की मदद करने के बावजूद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की “जरा-सा भी एहसानमंद” नहीं है। इसलिए यूक्रेन की मदद करने का कोई फायदा नहीं है। ट्रंप के इस कड़े बयान के बाद जिनेवा में चल रही बहुपक्षीय वार्ताएँ और तनावपूर्ण हो गई हैं।
जिनेवा में युद्ध रोकने के लिए हाई-लेवल बैठकें
स्विट्जरलैंड के जिनेवा में अमेरिका, यूक्रेन और यूरोपीय देशों के शीर्ष अधिकारी एक संशोधित शांति फॉर्मूले पर चर्चा कर रहे हैं।
यूक्रेन की ओर से वार्ता का नेतृत्व राष्ट्रपति कार्यालय प्रमुख आंद्री यरमक कर रहे हैं। पहली बैठक ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ हुई। इसके बाद यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी टीम से मुलाकात की, जिसमें विदेश मंत्री मार्को रूबियो, विशेष दूत स्टीव विटकाफ और सैन्य सचिव डैन ड्रिस्काल शामिल हैं। यरमक ने कहा कि वार्ताएँ “सकारात्मक” दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
शांति योजना की शर्तें
- अमेरिका ने यूक्रेन को 28 बिंदुओं की शांति योजना दी है। जिसमें निम्न मुख्य शर्तें हैं...
- युद्ध के दौरान रूस के कब्जे में गए डोनेस्क और लुहांस्क पर दावा छोड़ना
- यूक्रेनी सेना का आकार कम करना
- नाटो में शामिल होने की इच्छा छोड़ना
- युद्ध खत्म होने के बाद यूरोपीय सेना की तैनाती नहीं होगी
- इन शर्तों को स्वीकार करने की अंतिम तारीख 27 नवंबर
- इन शर्तों ने यूक्रेन के लिए बड़ा राजनीतिक और राष्ट्रीय संकट पैदा कर दिया है।
जेलेंस्की का इंकार
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने संकेत दिया कि इन शर्तों को मानना बेहद कठिन होगा। उन्होंने कहा-“अगर हम यह योजना मान लेंगे तो यूक्रेन अपनी जमीन के साथ अपना गौरव भी खो देगा। और यदि नहीं मानेंगे तो हम अमेरिका का सहयोग खो बैठेंगे।” स्थिति स्पष्ट रूप से यूक्रेन को दो मोर्चों पर दवाब में धकेल रही है।
