आधी रात भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, डरे सहमें लोग घरों से निकले बाहर
punjabkesari.in Sunday, Aug 17, 2025 - 12:51 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः शनिवार देर रात अफगानिस्तान एक बार फिर भूकंप के झटकों से कांप उठा। राष्ट्रीय भूकंपीय विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, इस बार भूकंप की तीव्रता 4.9 मापी गई और इसका केंद्र धरती की सतह से सिर्फ 10 किलोमीटर की गहराई पर था। यह झटका रात करीब 11:05 बजे लगा। जानकारी के मुताबिक भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। इस भूकंप में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। shallow depth (कम गहराई) के कारण इस तरह के भूकंप और ज्यादा नुकसानदायक हो सकते हैं।
एक सप्ताह में तीसरा भूकंप
यह पहला झटका नहीं है। अफगानिस्तान में बीते सप्ताह में तीन बार भूकंप आया है:
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13 अगस्त 2025 – दोपहर 1:53 बजे
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तीव्रता: 4.2
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गहराई: 10 किमी
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स्थान: 35.66° N, 69.12° E
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8 अगस्त 2025 – रात 1:45 बजे
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तीव्रता: 4.3
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गहराई: 10 किमी
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स्थान: 31.58° N, 67.19° E
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इन सभी भूकंपों की गहराई केवल 10 किमी रही, जिससे यह अंदेशा और बढ़ जाता है कि भविष्य में आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) आ सकते हैं।
क्यों खतरनाक होते हैं सतही (shallow) भूकंप?
सतह के पास आने वाले भूकंप ज़्यादा खतरनाक होते हैं क्योंकि:
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झटके ज़्यादा तेज महसूस होते हैं
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बिल्डिंग्स, घर और सड़कें अधिक नुकसान झेलती हैं
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जनहानि और संपत्ति का खतरा ज्यादा रहता है
UNOCHA की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय मामलों की एजेंसी (UNOCHA) ने बताया कि: अफगानिस्तान भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए अत्यंत संवेदनशील देश है। दशकों से चल रहे युद्ध और विकास की कमी ने वहां की जनता को बहुत कमजोर बना दिया है। बार-बार आने वाली आपदाएं इन कमजोर समुदायों को और अधिक संकट में डाल रही हैं।
क्यों आते हैं अफगानिस्तान में इतने भूकंप?
अफगानिस्तान में हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला है, जो एक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है। यह इलाका भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव पर स्थित है। हेरत (Herat) जैसे शहरों के नीचे भी सक्रिय फॉल्ट लाइन मौजूद हैं, जिससे यहां हर साल कई भूकंप आते हैं।