भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता...दहशत में लोग
punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 06:07 AM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः मंगलवार को पाकिस्तान के कराची और बलूचिस्तान के कई इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जर्मनी के जियोसाइंसेज अनुसंधान केंद्र (GFZ) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 5 मापी गई। भूकंप का केंद्र (एपिसेंटर) बलूचिस्तान के सोनमियानी इलाके के पास था और इसकी गहराई जमीन से करीब 10 किलोमीटर नीचे बताई गई है।
सोनमियानी, बलूचिस्तान के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित एक तटीय गांव है, जो कराची से लगभग 87 किलोमीटर की दूरी पर है। भूकंप के झटके कराची के कई इलाकों में भी महसूस किए गए, जिससे लोगों में कुछ देर के लिए दहशत फैल गई। हालांकि, फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान या हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। इससे पहले सोमवार को भी बलूचिस्तान के सिबी शहर और आसपास के क्षेत्रों में 3.2 तीव्रता का हल्का भूकंप दर्ज किया गया था। लगातार आ रहे इन झटकों से इलाके में रहने वाले लोग सतर्क हो गए हैं।
भूवैज्ञानिक एजेंसियों, जिनमें अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी शामिल हैं, के अनुसार बलूचिस्तान और दक्षिणी पाकिस्तान भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में आते हैं। यहां इंडो-ऑस्ट्रेलियाई टेक्टोनिक प्लेट धीरे-धीरे यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं।
अरब सागर के तट के साथ फैला मकरान सबडक्शन जोन, जो दक्षिण-पूर्वी बलूचिस्तान तक जाता है, भूकंपीय गतिविधियों का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है। भूवैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, यह क्षेत्र पहले भी जमीन के भीतर और समुद्र के नीचे कई भूकंप पैदा कर चुका है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बलूचिस्तान के जियारत इलाके में आखिरी बड़ा भूकंप साल 2008 में आया था, जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और करीब 500 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा पाकिस्तान पहले भी कई भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर चुका है। साल 2005 में उत्तरी पाकिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप में करीब 73,000 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 1935 के क्वेटा भूकंप में लगभग 30,000 लोगों की मौत हुई थी।
