भूकंप के तेज झटकों से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर 6.5 रही तीव्रता...लोगों में दहशत

punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 10:40 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः जापान के उत्तरी क्षेत्र होक्काइडो में एक बार फिर शक्तिशाली भूकंप आया है, जिससे लोगों में दहशत और सतर्कता बढ़ गई है। यह झटके उस समय महसूस किए गए जब पिछले सोमवार रात आए 7.6 तीव्रता के भूकंप को केवल 48 घंटे ही हुए थे। इस बार आए भूकंप की तीव्रता 6.5 मापी गई।

भूकंप का केंद्र समुद्र में, 54 किमी की गहराई पर

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) के अनुसार— भूकंप का केंद्र आओमोरी प्रांत के समुद्री इलाके से लगभग 80 किमी दूर था। इसकी गहराई करीब 54 किमी थी। इससे पहले आए 7.6 तीव्रता वाले भूकंप के बाद होक्काइडो, आओमोरी और इवाते में 3 मीटर तक ऊंची सुनामी लहरों की आशंका जताते हुए चेतावनी जारी की गई थी। बाद में समुद्र में लहरें कम दर्ज होने पर चेतावनी को एडवाइजरी (सलाह) में बदल दिया गया।

हाचिनोहे में सबसे तेज झटके – खड़ा रहना मुश्किल

भूकंप की तीव्रता कई जगहों पर बहुत ज्यादा महसूस की गई। खासतौर से हाचिनोहे शहर में ‘शिंडो-6 से ऊपर’ श्रेणी का भूकंप दर्ज हुआ। भारी फर्नीचर गिर गए और लोगों के लिए खड़े रहना मुश्किल हो गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कई लोग घायल हुए हैं, हालांकि बड़े नुकसान की विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिली है।

90,000 लोगों को चेतावनी, ट्रेनें रोकी गईं

जापानी प्रशासन ने जानकारी दी कि लगभग 90,000 लोगों को घरों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई। कई जगहों पर ट्रेन सेवाएं रोक दी गईं या धीमी कर दी गईं और सुनामी की चेतावनी हटाने के बाद भी अधिकारी सतर्क हैं।

प्रधानमंत्री ताकाइची ने कहा— निर्देशों का पालन करें

जापान की प्रधानमंत्री सना ताकाइची ने अपील करते हुए कहा कि लोग स्थानीय प्रशासन की बातें ध्यान से सुनें, जरूरत पड़ने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचें और आफ्टरशॉक्स (भूकंप के छोटे झटके) आने की संभावना अभी भी बनी हुई है। JMA ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में और तेज झटके महसूस हो सकते हैं।

‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित जापान लगातार खतरे में

जापान दुनिया के सबसे भूकंपीय सक्रिय इलाकों में से एक, यानी “रिंग ऑफ फायर” पर स्थित है। यहां छोटे-बड़े भूकंप लगातार आते रहते हैं। 2011 में जापान भयानक भूकंप और सुनामी की तबाही झेल चुका है। हालांकि इस बार अभी तक बड़े पैमाने पर नुकसान या मौतों की कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है, लेकिन आपदा प्रबंधन एजेंसियाँ हालात पर चौबीसों घंटे नजर बनाए हुए हैं।


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Content Writer

Pardeep

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