तो क्या चीन से अपने गहरे संबंधों पर पर्दा डालने के लिए ट्रूडो ने भारत से खराब किए रिश्ते !

punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2023 - 02:29 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो फिलहाल भारत के खिलाफ लगाए आरोपों के बाद हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के सबूत पेश करने में विफल रहे हैं। कनाडा की सियासत से जुड़े जानकारों की मानें भारत पर निराधार आरोप लगाकर ट्रूडो उनकी सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी चीन से संबंधों की जांच से अपने नागरिकों का ध्यान हटाना चहता है। चूंकि कनाडा का विपक्ष लगातार यह आरोप लगा हैकि ट्रूडो ने सत्ता में आने के लिए चीनी सत्ता तंत्र की सहायता ली थी, अब उसे ट्रूडो पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है।

कनाडा में चीन के हस्तक्षेप पर खामोश रहते हैं ट्रूडो
जानकारों का कहना है कि ट्रूडो की चीन के साथ उनके संबंधों को लेकर लगातार आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। राजनीति के पर्यवेक्षकों का मानना है कि टूडो को भारत के खिलाफ आरोप लगाने के लिए शायद इसी मामले ने प्रेरित किया हो। विपक्ष सवाल उठा रहा है कि ट्रूडो को कनाडा के आंतरिक मामलों में मान का हस्तक्षेप नहीं दिखता, भारत का ही दिखता है। तमाम कनाडाई लोग ही पाकिस्तान के लिए भी कह रहे हैं। ट्रूडो पर आरोप लग रहा है कि जब एक बलूच नेता की कनाडा में पाकिस्तानी एजेंसी हत्या करवाई तो ट्रूडो ने यह क्यों नहीं दिखाया?

विपक्ष बोला भारत के खिलाफ तथ्य पेश करें ट्रूडो
उधर फन्डा में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और विपक्ष के प्रमुख चेहरा पोइलिये कहते हैं कि सरकार द्वारा एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने और संसद में एक खालिस्तानी कार्यकर्ता की हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाने के प्रधानमंत्री को इस संबंध में और अधिक तथ्य प्रदान करने की आवश्यकता है। इतना कहने के बाद पीइलिये यह भी जोड़ देते है कि इसके विपरीत, ट्रूडो को चीन के विदेशी हस्तक्षेप के बारे में पता था लेकिन उन्होंने जनता को सूचित नहीं किया। दरअसल ट्रूडो की पार्टी पर आरोप है कि चीनी हस्तक्षेप के अल पर कनाडा में विपक्ष को चुनाव में हराया गया था।

जल्द चुनाव पर जोर दे रहे हैं कनाडा के पी.एम.
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि चीन के कनाडा के चुनावों में हस्तक्षेप को लेकर जो जांच चल रही है, उसे दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए ध्यान भटकाने के लिए ट्रूडो ने भारत पर निराधार आरोप लगाने का रास्ता चुना है। दावा किया कि वो ध्यान भटकाने रणनीति के माध्यम से लिबरल पार्टी संरचना सहित कनाडाई राजनीति में चीनी घुसपैठ को बचाने का प्रयास कर दें। सूत्रों ने कहा कि कनाडा की आर्थिक स्थिति पिछले साल खराब हो गई है और विपक्ष के नेता ट्रूडो के राजनीतिक भविष्य के लिए एक बड़ी चुनौती पैदा करते हुए चुनाव पर जोर दे रहे हैं।

करीमा बलूच की हत्या पर खामोश रही कनाडाई सरकार
पत्रकारका मेरिनो कहती है कि यह आश्चर्यजनक है कि निम्बर की नागरिकता के बारे में मेरे पर सभी कनाडाई कूद कर रहे हैं, लेकिन उनमें से किसी ने भी करीम के बारे में चिंता नहीं की, जिसे स्तन एसआई ने लोकतंत्र की पवित्र भूमि पर मारता था। खालिस्तानी आतंकवादियों को क्षण प्राप्त है, बलूच कार्यकर्त्ताओं के लिए कुछ भी नहीं स्पेशल मीडिया प्लेटफर्म एक्स पर तमाम लोग ट्रूडो से पूछ रहे हैं कि आखिर पी. एम. ने करीमा सोच की हत्या पर चुप्पी क्यों साध रखी है।

पाकिस्तानी सेना पर लगे थे बलूच की हत्या के आरोप
37 साल की मानवाधिकार कार्यकर्त्ता करीमा बलूच की लाश दिसम्बर 2020 में टोरंटो में एक नदी किनारे मिली थी। करीमा के पति हैदर ने टोरंटो पुलिस से उनकी हत्या के लिए पाकिस्तान की सेना पर शक जताया था परिवार की तरफ से आई.एस.आई. पर शक जताने के बाद पी.एम. ट्रूडो ने आज तक इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं बोला।

 

 

 

 

 

 

 


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Content Editor

rajesh kumar

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