''अगर अमेरिका को अड्डा मिला तो रिश्ते खत्म'' - चीन की पाकिस्तान को सख्त चेतावनी से दक्षिण एशिया में हलचल
punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 01:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चीन ने हाल ही में पाकिस्तान को एक सख्त संदेश देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अगर इस्लामाबाद ने अमेरिका को अपनी धरती पर सैन्य अड्डा स्थापित करने की अनुमति दी, तो बीजिंग उसके साथ अपने सभी संबंध खत्म कर सकता है। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक साझेदारी बढ़ने की खबरें चर्चा में हैं। चीन ने इसे न केवल अपनी सुरक्षा के लिए खतरा माना है बल्कि अपनी आर्थिक और रणनीतिक योजनाओं पर सीधा हमला भी बताया है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों में कुछ नरमी देखी गई थी, लेकिन अब खबरें सामने आ रही हैं कि दोनों देशों के बीच फिर से सुरक्षा और सैन्य सहयोग बढ़ाने की कोशिशें हो रही हैं। चीन इस संभावित गठबंधन को अपने हितों के खिलाफ मानता है, खासकर क्योंकि वह पहले ही अपने महत्वाकांक्षी "चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे" (CPEC) पर अरबों डॉलर का निवेश कर चुका है। चीन के लिए यह गलियारा न केवल व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि रणनीतिक रूप से भी बेहद अहम है।
बेल्ट एंड रोड पहल पर मंडराया खतरा
चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक बड़ा हिस्सा CPEC है जो पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से होकर गुजरता है। यदि पाकिस्तान ने अमेरिकी सैन्य अड्डों को अनुमति दी तो चीन को आशंका है कि अमेरिका उसकी BRI परियोजनाओं की जासूसी कर सकता है या उन पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकता है। चीन ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी हालत में अमेरिकी सैन्य मौजूदगी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ीं
पाकिस्तान अब एक बेहद कठिन कूटनीतिक स्थिति में फंस गया है। एक ओर वह चीन के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे "आयरन ब्रदरहुड" को बनाए रखना चाहता है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के साथ अपने पुराने संबंधों को फिर से मजबूत करना भी उसकी विदेश नीति का हिस्सा है। लेकिन दोनों महाशक्तियों के बीच बढ़ती तनातनी ने पाकिस्तान को ऐसी स्थिति में डाल दिया है जहां उसे किसी एक पक्ष को चुनना पड़ सकता है।
क्या अमेरिका पाकिस्तान में फिर से करेगा सैन्य तैनाती?
यह सवाल अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठने लगा है कि क्या अमेरिका वास्तव में पाकिस्तान में सैन्य अड्डा बनाने की योजना बना रहा है। हालांकि अब तक पाकिस्तान या अमेरिका की ओर से इस पर कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि अमेरिका अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बाद दक्षिण एशिया में फिर से अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाना चाहता है और पाकिस्तान उसकी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
क्षेत्रीय राजनीति पर पड़ेगा असर
यह घटनाक्रम केवल चीन और पाकिस्तान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर भारत और दक्षिण एशिया के बाकी देशों पर भी पड़ेगा। यदि पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया तो चीन न केवल पाकिस्तान से दूरी बनाएगा बल्कि क्षेत्र में भारत के साथ अपने सहयोग को भी नए रूप में पेश कर सकता है। साथ ही अमेरिका की मौजूदगी पाकिस्तान में बढ़ने से अफगानिस्तान की स्थिति भी प्रभावित हो सकती है।