रूस की कोरोना वैक्सीन कसौटी पर खरा उतरी, दुनिया में इसी साल टीकाकरण की उम्मीद बढ़ी

punjabkesari.in Saturday, Sep 05, 2020 - 10:51 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन पर्याप्त एंटीबॉडी के साथ प्रतिरोधी क्षमता पैदा करने में सफल रही है। इससे दुनिया में इसी साल टीकाकरण होने की संभावना प्रबल हो गई है। प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट ने शुक्रवार को बताया कि अध्ययन में कोविड का यह टीका खरा उतरा है। टीके से उत्पन्न एंटीबॉडी वैसी ही है, जैसी कि कोविड-19 से इलाज के बाद स्वस्थ मरीजों में दिखती है। वायरस से लड़ने वाली टी सेल की प्रतिक्रिया भी उत्साहजनक रही है।

 

रूस में कोरोना वैक्सीन के परीक्षण पूरे करने के पहले टीकाकरण को लेकर उठ रही आशंकाएं निर्मूल साबित होती दिख रही हैं। रूस अक्तूबर से बड़े पैमाने पर स्पूतनिक वी का टीकाकरण शुरू करेगा। 20 देशों (तुर्की, फिलीपींस आदि) से एक अरब खुराक का करार किया है और रूस उत्पादन को लेकर भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के संपर्क में है। दरअसल, रूस ने पहले दो चरणों के मानव परीक्षण पूरे करने के बाद 11 अगस्त को टीके के मानकों पर खरा उतरने और टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया था।

 

हालांकि रूस के पहले दो चरणों के परीक्षणों का WHO या किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्था ने निरीक्षण नहीं किया। ऐसे में टीके पर दुनियाभर की वैज्ञानिक संस्थाओं ने संदेह जाहिर किया था। रूस का गामेलया रिसर्च इंस्टीट्यूट 40 हजार वालंटियर पर टीके के तीसरे चरण का परीक्षण भी कर रहा है। हालांकि, जोखिम वाले समूहों को पहले ही टीका दिया जा रहा है। लैंसेट की रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर रूसी टीके पर पहली मुहर है।

 

लैंसेट ने पाया कि पहले दो चरण में टीका लेने वाले 76 वालंटियर में पर्याप्त एंटीबॉडी पैदा हुईं और इसने कोविड-19 वायरस को बेअसर कर दिया। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रापिकल मेडिसिन के वैज्ञानिक ब्रेंडन रेन ने कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए अच्छी खबर है, लेकिन हमें तीसरे चरण के परीक्षण का इंतजार करना होगा। टीकाकरण में बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द जैसे मामूली दुष्प्रभाव नजर आए।


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Tanuja

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