क्या 'प्रलय की मछलियां' दे रही हैं दस्तक? गहरे समुद्र से तटों पर बहकर आईं दुर्लभ ओरफिश

punjabkesari.in Monday, Jun 09, 2025 - 10:35 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के तटों पर इस सप्ताह बेहद दुर्लभ तीन 'ईथर ओरफिश' बहकर आई हैं जिन्हें कुछ लोग प्रलय की मछलियां भी कहते हैं। इस घटना ने जहां वैज्ञानिकों में कौतूहल पैदा किया है वहीं जापानी लोककथाओं के अनुसार यह भूकंप या सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं की आहट मानी जाती है।

बीते सोमवार को तस्मानिया के पश्चिमी तट पर एक ओरफिश मिली। इसके बाद न्यूजीलैंड के दक्षिण द्वीप पर डुनेडिन और क्राइस्टचर्च के पास दो सिर रहित ओरफिश भी पाई गईं। यह अकेला मामला नहीं है।
मई में भारत के तमिलनाडु के समुद्री तट के पास भी मछुआरों ने एक ओरफिश पकड़ी थी।

जापानी किंवदंती और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

जापानी लोग ओरफिश को 'डूम्ड फिश' या भूकंप की मछली भी कहते हैं। उनकी मान्यताओं के अनुसार इन मछलियों का सतह पर मिलना किसी बड़े भूकंप या सुनामी के आने का संकेत होता है। इस बात को बल तब मिला था जब साल 2011 में जापान में आए विनाशकारी भूकंप और सुनामी से पहले कई ओरफिश समुद्री तटों पर देखी गई थीं।

 

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हालांकि वैज्ञानिक इन जापानी किंवदंतियों को सिरे से खारिज करते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ओरफिश का सतह पर आना समुद्री पर्यावरण में हो रहे परिवर्तनों जैसे गहरे समुद्र में तापमान में बदलाव या समुद्री धाराओं में परिवर्तन से जुड़ा हो सकता है।

गहराई में रहने के कारण रिसर्च मुश्किल

न्यूजीलैंड के हैमिल्टन में स्थित वाइकाटो विश्वविद्यालय के एक मछली पारिस्थितिकीविद प्रोफेसर निक लिंग ने बताया कि ओरफिश का मिलना बेहद दुर्लभ घटना है। यह मछली खुले और गहरे समुद्र में पाई जाती है जिसके कारण इनके बारे में रिसर्च कर पाना लगभग असंभव है।

प्रोफेसर निक ने बताया कि यह मछली समुद्र में लंबवत लटकी रहती है और अपने मांसल शरीर व पृष्ठीय पंखों को हिलाकर तैरती है। उन्होंने इस मछली की जीवन शैली को असाधारण बताया क्योंकि यह समुद्र की गहराई में झूलती रहती है और भोजन का इंतजार करती है। इनकी गहराई में रहने की आदत ही इन्हें इंसानी अध्ययन से दूर रखती है जिससे इनके व्यवहार और सतह पर आने के कारणों को लेकर रहस्य बना रहता है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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