कतर की 4 अरब देशों को दो टूक

punjabkesari.in Sunday, Jun 25, 2017 - 02:30 PM (IST)

तेहरान: कतर से प्रतिबंध हटाने के लिए सऊदी अरब, मिस्र, यूएई और बहरीन ने कतर के समक्ष 13 शर्तें रखी है, जिसे कतर के विदेश मंत्री ने खारिज कर दिया है। कतर के मुताबिक, ये शर्तें न तो तर्कसंगत हैं और ना ही मानने योग्य हैं। इन अरब देशों का आरोप है कि कतर आतंकवादियों की आर्थिक मदद करता है।


कतर के सामने रखी गईं प्रमुख मांगें-
- कतर मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ सभी तरह के संबंध तोड़ें जो कि अरब देशों में प्रतिबंधित है।

- अल-जजीरा, अरबी21 और मिडिल ईस्ट आई न्यूज चैनलों को आर्थिक मदद देना बंद करे।

- मुआवजे के रूप में एक मात्रा में धनराशि दे।

- सऊदी अरब और अन्य देशों में विपक्षी पार्टियों को दी गई आर्थिक मदद से जुड़ी विस्तृत जानकारी दे।

- अमरीकी प्रशासन के बताए चरमपंथी संगठनों को आर्थिक मदद देना बंद करे

- गल्फ को-ऑपरेशन काऊंसिल के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सभी अन्य तरीकों के साथ कतर खुद को जोड़े।


'बोलने की आजादी खत्म करने' की कोशिश का लगाया आरोप  
इन शर्तों में अल जजीरा चैनल को बंद करना भी शामिल है, जो कि कतर सरकार का है । ये चार देश ये भी चाहते हैं कि कतर ईरान के साथ संबंध को कम करे और तुर्की के सैन्य अड्डे बंद करे। इसके लिए उन्होंने शुक्रवार को 10 दिन का समय दिया है। इस बीच अल जजीरा ने इन देशों पर 'बोलने की आजादी खत्म करने' की कोशिश का आरोप लगाया है। पिछले दो सप्ताह से कतर अभूतपूर्व राजनयिक और आर्थिक नाकेबंदी का सामना कर रहा है, जबकि ईरान और तुर्की उसकी मदद के लिए आगे आए है।


कतर की संप्रभुता को कम करना चाहते है ये देश
हालांकि, कतरी विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-ताहिनी के हवाले से अल जजीरा ने कहा,"अमरीकी विदेश मंत्री ने हाल ही में नाकाबंदी करने वाले देशों से अपनी ऐसी शिकायतों की सूची जारी करने को कहा जो तर्कसंगत और मानने लायक हों।" उनके मुताबिक, "ये सूची, उन मानदंडों को पूरा नहीं करती है।" उन्होंने कहा कि ये मांगें इस बात का सबूत है कि "इन प्रतिबंधों का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि कतर की संप्रभुता को कम करना और हमारी विदेश नीति को दूसरे के हवाले करना है।"


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