सभी सीपेक परियोजनाओं को समय से पूरा करने को प्रतिबद्ध : शहबाज शरीफ
punjabkesari.in Wednesday, Jun 15, 2022 - 06:48 PM (IST)
इस्लामाबाद, 15 जून (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि वह अरबों डॉलर की लागत से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) के तहत चल रही परियोजनाओं को समय पर पूरा करने को प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इसके साथ ही आश्वस्त किया कि विशेष आर्थिक क्षेत्र में काम कर रही चीनी कंपनियों के सामने आ रही सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। सरकार द्वारा संचालित रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक सीपेक के तहत खैबर पख्तूनख्वा में चल रही सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना ‘रशकाई विशेष आर्थिक क्षेत्र’ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार औद्योगिक विकास को लेकर प्रतिबद्ध है, ताकि पाकिस्तान को आर्थिक रूप से एक प्रगतिशील देश के रूप में स्थापित किया जा सके। शहबाज ने कहा कि संयुक्त आयोग समिति के तहत वर्ष 2016-17 के बीच कुल नौ विशेष आर्थिक क्षेत्र की शुरुआत की गई थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, चीन की आधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ ले रहा है। शरीफ ने कहा कि वहनीय और कौशल प्राप्त पाकिस्तानी मजदूर और चीन की आधुनिक प्रौद्योगिकी मिलकर अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास करने में मदद करेंगे। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि चीनी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए चीन में रोड शो और अन्य गतिविधियों का आयोजन करना ‘‘सभी के लिए लाभदायक होगा।’’ उन्होंने भरोसा दिया कि विशेष आर्थिक क्षेत्र में काम कर रही चीनी कंपनियों को आ रही सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। शहबाज ने विशेष आर्थिक क्षेत्र में तय समय से लक्ष्यों को प्राप्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने विशेष आर्थिक क्षेत्र को आदर्श के रूप में स्थापित करने पर जोर दिया। गौरतलब है कि सीपेक 62 अरब डॉलर की परियोजना है जिसके तहत पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह को पश्चिमी चीन के शिनजियांग सूबे से जोड़ा जा रहा है। यह चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का हिस्सा है।
इस परियोजना के लिए वर्ष 2015 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पाकिस्तान दौरे के दौरान समझौता किया गया था। परियोजना के तहत पाकिस्तान में अरबों डॉलर की लागत से बिजली संयंत्र और औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। भारत ने सीपेक का पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने की वजह से विरोध किया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इस परियोजना के लिए वर्ष 2015 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पाकिस्तान दौरे के दौरान समझौता किया गया था। परियोजना के तहत पाकिस्तान में अरबों डॉलर की लागत से बिजली संयंत्र और औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। भारत ने सीपेक का पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने की वजह से विरोध किया है।
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