ताईवान को चीन का विवादित हिस्सा दिखाने वाले नक्शों पर कार्रवाई करेगा बीजिंग शहर
punjabkesari.in Tuesday, May 26, 2020 - 09:21 PM (IST)
बीजिंग, 26 मई (भाषा) ताईवान और दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे सहित चीनी भूभाग को सही तरीके से नहीं प्रदर्शित करने वाले नक्शों के मुद्दे का हल करने के लिये देश की राजधानी बीजिंग अभियान चलाएगी और इन गलतियों में सुधार करवाएगी। सरकारी मीडिया ने मंगलवार को यह बताया।
बीजिंग साइबरस्पेस प्रशासन सहित शहर के 13 नगर निकाय विभाग इस सिलसिले में 2020 वार्षिक अभियान शुरू करेंगे, जिसके तहत त्रुटिपूर्ण नक्शों का निरीक्षण किया जाएगा। नक्शा बनाने वाली कंपनियों, उनके प्रकाशकों और उसे उपयोग में लाने वालों तथा ऑनलाइन नक्शा सेवा प्रदाताओं से इनकी स्व-जांच करने तथा उनमें सुधार करने की मांग की जाएगी।
सरकारी ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक, संबद्ध विभाग चीन के भूभाग को गलत चित्रित करने वाले और राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने वाले, या राष्ट्रीय सुरक्षा एवं हितों को नुकसान पहुंचाने वाले नक्शों की जांच करेंगे। यदि परिस्थितियां गंभीर पाई गईं तो संबद्ध लोगों को सजा का सामना करना पड़ेगा।
चीन, ताईवान को बागी प्रांत के तौर पर देखता है जिसे वह किसी भी तरह से मुख्य भूमि के साथ एकीकृत करना चाहता है।
गौरतलब है कि अरूणाचल प्रदेश और ताईवान को चीन के भूभाग के रूप में नहीं दिखाने को लेकर पिछले साल चीन ने तीन लाख नक्शों को नष्ट करने का आदेश दिया था। ये नक्शे विभिन्न देशों को निर्यात करने के लिये छापे गये थे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बीजिंग साइबरस्पेस प्रशासन सहित शहर के 13 नगर निकाय विभाग इस सिलसिले में 2020 वार्षिक अभियान शुरू करेंगे, जिसके तहत त्रुटिपूर्ण नक्शों का निरीक्षण किया जाएगा। नक्शा बनाने वाली कंपनियों, उनके प्रकाशकों और उसे उपयोग में लाने वालों तथा ऑनलाइन नक्शा सेवा प्रदाताओं से इनकी स्व-जांच करने तथा उनमें सुधार करने की मांग की जाएगी।
सरकारी ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक, संबद्ध विभाग चीन के भूभाग को गलत चित्रित करने वाले और राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने वाले, या राष्ट्रीय सुरक्षा एवं हितों को नुकसान पहुंचाने वाले नक्शों की जांच करेंगे। यदि परिस्थितियां गंभीर पाई गईं तो संबद्ध लोगों को सजा का सामना करना पड़ेगा।
चीन, ताईवान को बागी प्रांत के तौर पर देखता है जिसे वह किसी भी तरह से मुख्य भूमि के साथ एकीकृत करना चाहता है।
गौरतलब है कि अरूणाचल प्रदेश और ताईवान को चीन के भूभाग के रूप में नहीं दिखाने को लेकर पिछले साल चीन ने तीन लाख नक्शों को नष्ट करने का आदेश दिया था। ये नक्शे विभिन्न देशों को निर्यात करने के लिये छापे गये थे।
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