यह है विश्व का अनोखा एयरपोर्ट: यहां उतरते ही पहुंच जाएंगे 3 देशों में, एक ही छत नीचे अलग-अलग कानून लागू
punjabkesari.in Sunday, Mar 02, 2025 - 07:38 PM (IST)

International Desk: हमारी दुनिया में कई अजीबोगरीब चीजें देखने को मिलती हैं, जिनके बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं। ऐसा ही एक अनोखा एयरपोर्ट भी है, जहां लैंड करते ही यात्री दो अलग-अलग देशों में प्रवेश कर सकते हैं। यानी एक दरवाजे से निकलते ही आप एक देश में होंगे, और दूसरे से बाहर निकलते ही दूसरे देश में! यही नहीं, यह एयरपोर्ट तीसरे देश के भी बेहद करीब है, जिससे यह तीन अलग-अलग मुल्कों की जरूरतों को पूरा करता है। खास बात यह है कि यहां दो देशों के अलग-अलग कानून लागू होते हैं।
यह एयरपोर्ट "EuroAirport Basel-Mulhouse-Freiburg" के नाम से जाना जाता है और फ्रांस के शहर मलहाउस में स्थित है। हालांकि, इसकी खास भौगोलिक स्थिति इसे तीन देशों स्विट्जरलैंड, फ्रांस और जर्मनी के लिए महत्वपूर्ण बनाती है। इस एयरपोर्ट में स्विट्जरलैंड और फ्रांस के कस्टम बॉर्डर एक ही छत के नीचे मौजूद हैं। अगर आप एक एग्जिट गेट से बाहर निकलते हैं तो स्विट्जरलैंड में होंगे जबकि दूसरे गेट से बाहर निकलने पर फ्रांस में पहुंच जाएंगे । हालांकि एयरपोर्ट फ्रांस की ज़मीन पर स्थित है, लेकिन यह स्विस और फ्रेंच कस्टम ज़ोन में विभाजित है। यही वजह है कि यहां दोनों देशों के अलग-अलग कानून लागू होते हैं।
एयरपोर्ट की सुरक्षा मुख्य रूप से फ्रांस की एजेंसियों के जिम्मे है, लेकिन स्विस सुरक्षा एजेंसियां भी अपने ज़ोन की निगरानी करती हैं। यहां यात्री अपनी सुविधा के अनुसार यूरो या स्विस फ्रैंक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस एयरपोर्ट का विचार 1930 में आया था, ताकि फ्रांस और स्विट्जरलैंड के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके। हालांकि द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इस प्रोजेक्ट पर रोक लग गई। इसके बाद 1946 में इसे फिर से शुरू किया गया* जिससे यह युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक बन गया। स्विट्जरलैंड ने इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए अधिक धनराशि दी जबकि फ्रांस ने ज़मीन उपलब्ध कराई।
इस एयरपोर्ट से तीन प्रमुख शहरों में पहुंचा जा सकता है
- - फ्रेबर्ग एम ब्रेस्गो, जर्मनी
- - मलहाउस, फ्रांस
- - बेसल, स्विट्जरलैंड
एयरपोर्ट का प्रबंधन फ्रांस, जर्मनी और स्विट्जरलैंड की संयुक्त सलाहकार समिति द्वारा किया जाता है। दुनिया में ऐसा कोई दूसरा एयरपोर्ट नहीं है, जहां उतरने के बाद यात्री दो देशों में सीधे प्रवेश कर सकते हों और तीसरा देश भी बिल्कुल नज़दीक हो। यह एयरपोर्ट तीन देशों के बीच सहयोग और कूटनीति का बेहतरीन उदाहरण है।