चीन के जाल में फंस सकता है पाकिस्तान !

punjabkesari.in Thursday, May 04, 2017 - 12:44 PM (IST)

बीजिंग/इस्लामाबादः चीन के सहयोग से बनाए जा रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे  को पाकिस्तान बेशक बेहद महत्वपूर्ण परियोजना बता रहा हो, लेकिन अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान के पास इतने बड़े आधारभूत संरचना विकास की जरूरतों को समाहित करने की क्षमता नहीं है, और वह अनजाने से ही चीन के बड़े कर्ज के जाल में फंस सकता है। 

 यह बात (IDRA) इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस रिसर्च एंड एनालिसिस कि एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसे संस्थान के विशेषज्ञ 'जैनब अख्तर' ने तैयार किया है। अख्तर ने इस रिपोर्ट में कहा है कि गिलगित-बलतिस्तान जो पहले उत्तरी क्षेत्र के रूप में जाने जाते थे, और जो जम्मू कश्मीर राज्य का अभिन्न हिस्सा थे, वो अभी पाकिस्तान के कब्जे में हैं।

यह इलाका चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) की घोषणा के बाद से सुर्खियों में आ गया है। इसमें कहा गया है कि CPEC चीन का एक मार्ग (OBOR) पहल का हिस्सा है, जिसे पाकिस्तान अपने लिए काफी महत्वपूर्ण बता रहा है, क्योंकि उसे लगता हैं कि इससे उसकों आर्थिक लाभ मिल सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में CPEC को लेकर आर्थिक एवं राजनीतिक चर्चा के बीच गिलगित-बलतिस्तान के लोगों की आशा और आकांक्षाओं को नज़रंदाज किया जा रहा हैं।

CPEC के खिलाफ उठाई जाने वाली आवाज को मीडिया में कोई स्थान नहीं मिलता और पाकिस्तान में कोई भी यह स्पष्ट रूप से बताने की स्थिति में नहीं है कि CPEC के व्यापक परिदृश्य में गिलगित-बलतिस्तान का क्या स्थान है। इसमें कहा गया है, कि जहां तक विकास की बात है ऐसे में गिलगित-बलतिस्तान पाकिस्तान के नियंत्रण वाले सबसे उपेक्षित क्षेत्रों में है। पाकिस्तान की लगातार सरकारों ने इस क्षेत्र को मुख्यधारा में लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया।

भौगोलिक कारणों से इस क्षेत्र की सीमा पाकिस्तान के मित्र देश चीन से लगती है।  सूत्रों के अनुसार, चीन ने इस क्षेत्र के षड्यंत्र महत्व को देखते हुए 1950 में ही काराकोरम हाइवे (केकेएच) के निर्माण का कार्य शुरू किया था, जो 1978 में पूरा हो गया था। चीन ने पूर्व की कुछ विकास परियोजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में अपनी पैंठ बनानी शुरू कर दी थी। वहीं सीपीईसी को चीन की ओर से पाकिस्तान में अबतक के सबसे बड़े निवेश के रूप में पेश किया जा रहा है। 
 
 


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