पाकिस्तान में पुलिस ने रमजान को लेकर हिंदू ढाबे वाले को दी धमकी, भगवान की मूर्ति बारे की गलत टिप्पणी (Video)
punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2023 - 12:03 PM (IST)

पेशावरः पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ भेदभाव व उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामले में सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें कट्टरवादी मुस्लिम पुलिस कर्मी एक ढाबा मालिक को रमजान को लेकर धमकाते नजर आ रहे हैं। घटना सिंध प्रांत की बताई जा रही है। पाकिस्तान अनटोल्ड के ट्विटर पर शेयर किए गए इस वीडियो में देखा जा सकता है कि सिंध पुलिस का एसएचओ मोहम्मद काबिल ढाबा मालिक को धमकाते हुए कह रहा है कि "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई रमज़ान में ढाबा खोलने की, ओ हिंदू? अपने भगवान (मूर्ति) को अपने सिर पर रखो और अपने शटर को नीचे करो" पाक सिंध पुलिस के एसएचओ ने गरीब हिंदू ढाबा मालिक को कहा कि यह 'इस्लाम की भूमि' है इसलिए कमजान में ढाबा नहीं खुलेगा।
"How dare you open Dhaba in Ramzan, O Hindu? Keep your bhagvan (idol) on your head and down your shutter"
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) March 24, 2023
- Pak Sindh police SHO reminds poor Hindu Dhaba owner it's the 'land of Islam'pic.twitter.com/bF3uhb9ZTK
बता दें कि आज के पाकिस्तान में ज्यादातर हिंदू हाशिये पर हैं और उनके उत्पीड़न के मामले आम हैं। पाकिस्तान में लगभग 40 लाख हिंदू रहते हैं, जो कुल आबादी का 1.9 प्रतिशत है। इनमें से 14 लाख हिंदू सिंध में रहते हैं। पाकिस्तान में हिंदुओं के पूजा करने पर पाबंदी तो नहीं है, लेकिन हिंदुओं का खुलकर कहना है कि वह नियमित तौर पर पूजा नहीं कर पाते। भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चली आ रही शत्रुता अल्पसंख्यक समुदाय के लिए एक चुनौती बनी हुई है। पाकिस्तान में अनेक लोग हिंदुओं को भारत का बताते हैं, तो भारत में मुसलमान भेदभाव की शिकायत करते रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान और विशेष रूप से सिंध में आज भी पुरानी छाप बरकरार है। यहां मंदिर हैं, हालांकि इनकी संख्या में गिरावट आई है।
इसके अलावा यहां हिंदुओं के अपने कारोबारी, शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थान हैं, जो 1947 में देश के गठन से पहले स्थापित किए गए थे। ये पाकिस्तान की विरासत का हिस्सा हैं। अधिकार समूह लंबे समय से आरोप लगाते रहे हैं कि पाकिस्तान हिंदुओं के धर्म और आस्था की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है। इसके लिए वे मंदिरों को अपवित्र किए जाने, हिंदुओं के व्यवसायों, घरों और व्यक्तियों पर हमले और अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन आदि का हवाला देते हैं। पाकिस्तान में धार्मिक सहअस्तित्व की छवि पर अपने विचार जाहिर करने वाले चावला अकेले राजनेता नहीं हैं। सिंध के मुख्यमंत्री के एक वरिष्ठ सलाहकार वकार महदी ने कहा, “देश की अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में संतोषजनक, शांतिपूर्वक और बिना किसी डर या खतरे के रहती है।”