ट्रंप-पुतिन मुलाकात के दौरान 6-7 घंटे तक एक कमरे में रहेगा न्यूक्लियर ब्रीफकेस, देखें तस्वीर
punjabkesari.in Saturday, Aug 16, 2025 - 04:30 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 6 साल बाद एक बार फिर आमने-सामने आए हैं। यह ऐतिहासिक बैठक अमेरिका के अलास्का राज्य के एंकोरेज स्थित मिलिट्री बेस 'जॉइंट बेस एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन' में हो रही है। लेकिन इस बार की मुलाकात सिर्फ राजनीति और कूटनीति तक सीमित नहीं है — यह मुलाकात दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु ताकतों के 'न्यूक्लियर बटन' को एक ही कमरे में लाने का भी प्रतीक बन गई है।
6 से 7 घंटे तक साथ रहेंगे दोनों राष्ट्राध्यक्ष — साथ होंगे ‘परमाणु ब्रीफकेस’
करीब 6-7 घंटे तक चलने वाली इस शिखर वार्ता में दोनों नेताओं के साथ उनके-उनके न्यूक्लियर कंट्रोल ब्रीफकेस भी मौजूद रहेंगे। ये वे ब्रीफकेस हैं जिनसे किसी भी समय, कुछ ही सेकंड में, परमाणु हथियार लॉन्च करने की अनुमति दी जा सकती है।

रूस का ‘Cheget’: पुतिन के साथ चलने वाला परमाणु बटन
रूस के राष्ट्रपति के साथ चलने वाले परमाणु ब्रीफकेस को ‘चेगेट (Cheget)’ कहा जाता है। यह नाम काकेशस पर्वत में मौजूद ‘Mount Cheget’ से लिया गया है।
इसके मुख्य बिंदु:
-
इसे 1980 के दशक में सोवियत KGB ने डिज़ाइन किया था।
-
यह एक सुरक्षित कम्युनिकेशन डिवाइस है, जिसमें कुछ विशेष बटन होते हैं:
-
एक बटन हमले की स्वीकृति के लिए होता है।
-
दूसरा हमला रोकने या प्रतिक्रिया में बदलाव के लिए।
-
-
चेगेट आमतौर पर एक रूसी नेवी अधिकारी के पास होता है और बुलेटप्रूफ व बम-प्रूफ सुरक्षा के साथ ले जाया जाता है।
-
इसे हर यात्रा में पुतिन के साथ ले जाया जाता है। यहां तक कि चीन यात्रा के दौरान इसकी दुर्लभ तस्वीरें सामने आई थीं।

अमेरिका का ‘Nuclear Football’: ट्रंप के साथ चलने वाला परमाणु सूटकेस
अमेरिकी राष्ट्रपति के पास रहता है एक न्यूक्लियर कंट्रोल ब्रीफकेस, जिसे अनौपचारिक रूप से ‘न्यूक्लियर फुटबॉल’ कहा जाता है।
इसके बारे में जानिए:
-
इसका आधिकारिक नाम है: “Presidential Emergency Satchel”
-
यह ब्रीफकेस राष्ट्रपति को परमाणु हथियार लॉन्च करने की कमान देता है।
-
इसमें एक कोड कार्ड होता है, जिसे ‘बिस्किट’ कहते हैं, जिसमें परमाणु आदेश देने वाले कोड होते हैं।
-
यह ब्रीफकेस राष्ट्रपति के साथ एक मिलिट्री ऑफिसर हमेशा लेकर चलता है — चाहे व्हाइट हाउस हो या विदेश यात्रा।
एक कमरे में 10,000+ एटम बम का कंट्रोल
दुनिया में सिर्फ दो देशों — रूस और अमेरिका — के पास दुनिया के 90% से ज्यादा परमाणु हथियार हैं।
आंकड़े (2025 के अनुमान — SIPRI और FAS के अनुसार):
देश | कुल परमाणु हथियार | तैनात हथियार |
---|---|---|
रूस | 5,459 | 1,718 |
अमेरिका | 5,177 | 1,770 |
यानि कि 10,000 से अधिक न्यूक्लियर वॉरहेड्स का कमांड शुक्रवार को कुछ घंटों के लिए एक ही कमरे में मौजूद रहेगा।
क्या होता है अगर दोनों में से कोई ‘बटन’ दबा दे?
हालांकि यह स्थिति सिर्फ "इमरजेंसी" में ही आती है, और किसी भी लॉन्च आदेश के लिए जटिल प्रक्रियाएं होती हैं — जैसे:
-
सत्यापन कोड्स की पुष्टि
-
कमांड एंड कंट्रोल चैनल की पुष्टि
-
डबल अथॉरिटी (जैसे अमेरिका में रक्षा मंत्री की अनुमति)
लेकिन फिर भी, यह सिर्फ एक ब्रीफकेस नहीं, बल्कि हजारों शहरों की किस्मत की चाबी है।