ट्रंप-पुतिन मुलाकात से पहले जर्मनी पहुंचे जेलेंस्की, कहा-एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेगा यूक्रेन
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 08:24 PM (IST)

International Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की बुधवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंचे, जहां उन्होंने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज के साथ सीधी वार्ता और अन्य यूरोपीय तथा अमेरिकी नेताओं के साथ डिजिटल बैठकों में भाग लिया। यह कूटनीतिक गतिविधियाँ शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली महत्वपूर्ण शिखर बैठक से पहले आयोजित की जा रही हैं।
जर्मन चांसलर मर्ज ने इस सप्ताह के अंत में अलास्का में होने वाली ट्रंप-पुतिन वार्ता से पहले यूरोप और यूक्रेन की आवाज़ को एकजुट रूप से रखने के प्रयास में कई बैठकें बुलाई हैं। जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टीफन मेयर ने बताया कि इन वार्ताओं का उद्देश्य "यूरोपीय देशों की स्थिति को स्पष्ट और सशक्त तरीके से सामने रखना" है।जेलेंस्की पहले यूरोपीय नेताओं के साथ चर्चा करेंगे, जिसके लगभग एक घंटे बाद ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ डिजिटल बैठक होगी। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार ने अलास्का बैठक से पहले साझेदार देशों के साथ 30 से अधिक दौर की बातचीत की है। हालांकि, उन्होंने इस पर संदेह जताया कि पुतिन वास्तव में युद्ध समाप्त करने के लिए गंभीर हैं।
अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर जेलेंस्की ने लिखा,"इस समय ऐसा कोई संकेत नहीं है कि रूस युद्ध समाप्त करने के लिए तैयार है। हमें अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रूस को शांति के लिए मजबूर करना होगा।" ट्रंप ने कहा है कि वे देखना चाहते हैं कि क्या पुतिन वास्तव में गंभीरता से शांति वार्ता करना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने यूरोपीय नेताओं को नाराज़ करते हुए यह भी कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए यूक्रेन को रूस के कब्ज़े वाले कुछ क्षेत्रों को छोड़ना पड़ सकता है, और ‘जमीन की अदला-बदली’ पर भी विचार किया जा सकता है।
यूरोपीय देश किसी भी समझौते में यूक्रेन की सीधी भागीदारी पर जोर दे रहे हैं। उन्हें डर है कि यदि वार्ता उनके बिना हुई तो पुतिन को एकतरफा रियायतें मिल सकती हैं, जिससे शांति समझौता रूस के पक्ष में झुक जाएगा। जेलेंस्की ने यह भी स्पष्ट किया कि यूक्रेन अपने नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र से पीछे नहीं हटेगा, क्योंकि यह न केवल असंवैधानिक होगा बल्कि भविष्य में रूसी आक्रमण का रास्ता भी खोलेगा। उन्होंने अमेरिका और यूरोप से आग्रह किया कि सुरक्षा गारंटी और यूरोप की वार्ता में भागीदारी को किसी भी शांति योजना का मूल हिस्सा बनाया जाए।