पुतिन-ट्रंप  शिखर वार्ता से पहले अपनी मांगों पर अड़े रूस और यूक्रेन

punjabkesari.in Sunday, Aug 10, 2025 - 05:32 PM (IST)

International Desk: धमकियां, दबाव एवं अल्टीमेटम आए और चले गए, लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन युद्ध में रूस की अडिग मांगों से टस से मस नहीं हुए हैं, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि वह अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक प्रस्तावित शिखर वार्ता का इस्तेमाल कीव को एक प्रतिकूल समझौते को स्वीकार करने के लिए मजबूर करने के लिए कर सकते हैं। रूस की जो मांगें हैं, वे उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के पुतिन के दृढ़ संकल्प को दर्शाती हैं, जो उन्होंने 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण शुरू करते समय निर्धारित किए थे।

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पुतिन, ट्रंप के साथ संभावित बैठक को एक ऐसे व्यापक समझौते पर बातचीत करने के अवसर के रूप में देखते हैं, जो न केवल रूस के क्षेत्रीय लाभ को मजबूत करेगा, बल्कि यूक्रेन को नाटो में शामिल होने और उसे किसी भी पश्चिमी सेना की मेजबानी करने से भी रोकेगा। फलस्वरूप रूस को धीरे-धीरे यूक्रेन को अपने प्रभावक्षेत्र में वापस लाने में मदद मिलेगी।

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क्रेमलिन नेता का मानना है कि समय उनके पक्ष में है, क्योंकि थकी हुई और हथियारों की कमी से जूझ रही यूक्रेनी सेना 1,000 किलोमीटर से ज़्यादा लंबी अग्रिम पंक्ति के कई क्षेत्रों में रूसी बढ़त को रोकने के लिए जूझ रही है, जबकि रूसी मिसाइलों और ड्रोनों के झुंड यूक्रेनी शहरों पर हमला कर रहे हैं। उधर, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की भी अपने रुख पर अड़े हुए हैं। उन्होंने ट्रंप द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम पर सहमति जताई तो है, लेकिन नाटो की सदस्यता की मांग छोड़ने से इनकार कर दिया है। वह रूस द्वारा यूक्रेन के किसी भी क्षेत्र पर कब्ज़ा करने की बात को खारिज करने की बात दोहरा चुके हैं।

 

 


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Content Writer

Tanuja

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