इस देश में कुदरत का तांडव: सिर्फ 30 दिनों में आए 1400 भूकंप, लोगों में दहशत बढ़ी

punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 10:16 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  इंडोनेशिया लगातार प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है। पिछले 30 दिनों में यहां 1400 से ज़्यादा भूकंप दर्ज किए गए हैं। 27 नवंबर 2025 को सुमात्रा के पास 6.3 तीव्रता का एक और तेज झटका महसूस किया गया। अचानक धरती हिलने से लोग घरों से बाहर निकल आए और पूरे इलाके में डर फैल गया। हालांकि अच्छी बात यह है कि अभी तक किसी बड़े नुकसान या मौत की खबर नहीं है, लेकिन हर दिन के झटकों से लोग बेहद सहमे हुए हैं। सिर्फ भूकंप ही नहीं, बल्कि बाढ़ और भूस्खलन से भी लोग भारी मुश्किल में हैं। कई गांवों में हालात बेहद खराब हैं।

इंडोनेशिया क्यों आता है इतनी बार भूकंप की चपेट में?

इंडोनेशिया प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” नाम के इलाके पर बस्ता है। यह दुनिया की सबसे ज़्यादा भूकंप वाली जगह मानी जाती है। यहाँ 15 टेक्टॉनिक प्लेटें लगातार एक-दूसरे से टकराती रहती हैं। इसी कारण दुनिया के 90% भूकंप इसी क्षेत्र में आते हैं। इसलिए इंडोनेशिया में हर साल हजारों भूकंप आना सामान्य माना जाता है।

सुमात्रा सबसे ज़्यादा क्यों हिल रहा है?

सुमात्रा द्वीप के नीचे दो बड़ी प्लेटें— हिंद-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट और यूरेशियन प्लेट, एक-दूसरे के नीचे धंसती रहती हैं। यह प्रक्रिया बहुत ज़ोरदार दबाव बनाती है और जब यह दबाव अचानक निकलता है तो भूकंप आता है। सुमात्रा में ग्रेट सुमात्रा फॉल्ट नाम की विशाल भू-दरार भी है, जहां से अक्सर बड़े झटके आते हैं। हाल के दिनों में 6.6 और 6.3 तीव्रता के भूकंप इसी कारण से आए।

2004 की सुनामी की डरावनी यादें अब भी ताज़ा

इसी सुमात्रा क्षेत्र ने 2004 में दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री भूकंप झेला था, जिसकी तीव्रता 9.1 थी। उससे आई सुनामी में 2,30,000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे। इस बार का भूकंप कम गहराई सिर्फ 10 किलोमीटर पर था इसलिए जमीन जोर से हिली लेकिन सुनामी का खतरा नहीं था।

भूकंप के साथ बाढ़ और भूस्खलन की दोहरी मार

इस समय सुमात्रा में चक्रवात ‘सेन्यार’ के कारण भारी बारिश हो रही है।

  • 25 से ज्यादा लोगों की मौत

  • 10 लोग अभी भी लापता

  • 8000 से ज्यादा लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंचाए गए

  • कई सड़कें टूटी, घर बह गए

  • दर्जनों गांव पानी और मलबे में डूबे

ऊपर से लगातार भूकंप आने से लोग घर लौटने से भी डर रहे हैं।

आगे क्या हो सकता है? वैज्ञानिकों की चेतावनी

वैज्ञानिकों और मौसम विभाग ने कहा है— आने वाले दिनों में और झटके आ सकते हैं। बारिश फिर तेज होने की आशंका है। बाढ़ और भूस्खलन का संकट और बढ़ सकता है। सरकार लगातार हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री भेज रही है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी प्राकृतिक आपदाएँ अब पहले की तुलना में अधिक तीव्र और बार-बार आ रही हैं।


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Content Writer

Pardeep

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