ट्रंप ने पुतिन के लिए अमरीकी इतिहास किया शर्मसार, मिल रही मीडिया की फटकार

punjabkesari.in Tuesday, Jul 17, 2018 - 05:12 PM (IST)

हेलसिंकीः ब्रिटेन यात्रा दौरान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अपमान कर विवादों में घिरे अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब रूस के राष्ट्रपति के बारे में बयान देकर फिर मीडिया के निशाने पर आ गए हैं। हेलसिंकी में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ऐतिहासिक मुलाकात के बाद ट्रंप ने 2016 में हुए अमरीकी चुनावों में दखलअंदाजी के कथित आरोपों पर रूस को एक तरह से क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन को ही इन सबके लिए जिम्मेदार ठहराया  जिसके बाद यूएस मीडिया में ट्रंप की कड़ी आलोचना हो रही है।  

दरअसल, फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में मुलाकात के बाद ट्रंप-पुतिन ने ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें पुतिन ने कहा, "मैं चाहता था कि  ट्रंप अमरीका के राष्ट्रपति बनें, लेकिन रूस ने  वहां राष्ट्रपति चुनाव में कभी दखल नहीं दिया।" इसके जवाब में ट्रंप ने कह दिया कि पुतिन सही हैं और अमरीका का इस मामले में बेवकूफी भरा रवैया रहा है। ट्रंप के इस बयान को अमरीका के इतिहास का सबसे शर्मनाक पल बताया जा रहा है। एक अमरीकी चैनल ने अपने एनालिसिस में कहा, "ट्रंप ने विदेशी धरती पर जाकर अपने देश की खुफिया एजेंसियों और संसदीय समिति को गलत साबित कर दिया। ये सब उन्होंने तब किया जब उनके पास रूस के राष्ट्रपति खड़े थे। ये वही रूसी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने न सिर्फ 2016 के हमारे चुनाव में दखल दिया, बल्कि क्रीमिया पर हमला किया व ब्रिटेन में रह रहे एक पूर्व रूसी जासूस को जहर देने का भी आदेश दिया।"

चैनल ने आगे कहा, 'अगर पुतिन कह देते हैं कि उन्होंने अमरीकी चुनाव में दखलंदाजी नहीं की, तो क्या हमें मान लेना चाहिए? ट्रंप ने जो किया वह देशद्रोह है। वे अमरीका के लिए जीता-जागता खतरा हैं।' अमरीका के मशहूर अखबार 'The New York Times' ने अपने आर्टिकल में लिखा, ‘विदेश में किसी राष्ट्रपति का बातचीत का कैसा सलीका होना चाहिए, इसकी सभी परंपराओं को डोनाल्ड ट्रंप ने तोड़ दिया है। 
अखबार ने लिखा, 'ट्रंप फिनलैंड जाते हैं, जहां उनसे पहले कोई राष्ट्रपति नहीं गया था। वहां जाकर हमारे विरोधी देश के नेता की सफाई को स्वीकार कर लेते हैं, फिर अमरीका की खुफिया एजेंसियों को गलत साबित कर देते हैं। उन्होंने जो किया विदेशी धरती पर अब तक किसी अमरीकी राष्ट्रपति ने नहीं किया। ट्रंप ने सलीकेदार परंपरा तोड़ दीं।'

 'The New York Times ने लिखा कि ट्रंप ने पुतिन का समर्थन करने के लिए सलाहकारों को नकारा. प्लान के खिलाफ जाकर बयान दिए। ट्रंप ने अफसरों की बात तक नहीं मानी। उन्हें बैठक से पहले 100 पेज की ब्रीफिंग दी गई थी, जिसे उन्होंने दरकिनार कर दिया। अखबार लिखता है, 'उन्हें पुतिन के सामने अमरीकी चुनाव में रूस के दखल जैसे और भी मुद्दों पर सख्त रुख अपनाना था लेकिन, ट्रंप ने ब्रीफिंग के ज्यादातर हिस्से को नजरअंदाज कर दिया। वो समिट को अपने तरीके से हैंडल करते गए। 'NBC News’ ने अपने एक एनालिसिस में बताया, 'ट्रंप ने जो किया, वो एक एडवांस कॉन्सपिरेसी थ्योरी है। इससे अमरीका का कोई फायदा नहीं है, बस नुकसान ही नुकसान है।

 


 


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Tanuja

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