इस देश में भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट, रद्द की गई 30 उड़ानें, 4.4 किमी ऊंचाई तक फैली राख

punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 04:50 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। जापान के पश्चिमी द्वीप क्युशू (Kyushu) पर स्थित बेहद सक्रिय साकुराजिमा (Sakurajima) ज्वालामुखी में रविवार को एक बड़ा विस्फोट हो गया। कागोशिमा शहर के दक्षिणी छोर के पास स्थित इस ज्वालामुखी में एक ही दिन में तीन बार विस्फोट हुए जिससे निकला धुआं और राख का गुबार हवा में 4.4 किलोमीटर (लगभग 14,400 फीट) की ऊंचाई तक पहुंच गया। जापानी मौसम एजेंसी (JMA) ने इसकी पुष्टि की है जिसके परिणामस्वरूप कागोशिमा हवाई अड्डे से 30 उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं।

विस्फोटों का क्रम और ऊंचाई

साकुराजिमा ज्वालामुखी में विस्फोटों का क्रम इस प्रकार रहा:

पहला विस्फोट: रविवार सुबह करीब 1:00 बजे।

दूसरा विस्फोट: सुबह 2:30 बजे।

तीसरा विस्फोट: सुबह 8:50 बजे।

यह पिछले 13 महीनों में पहली बार है जब ज्वालामुखी की राख 4 किलोमीटर से अधिक ऊंचाई तक पहुंची है। इससे पहले 2019 में साकुराजिमा से 5.5 किलोमीटर ऊंचा राख का गुबार निकला था।

 

 

 

उड़ानें रद्द, यात्रियों को परेशानी

स्थानीय मीडिया के अनुसार आसमान में काले बादल छा जाने और राख गिरने से जुड़ी परेशानियों की वजह से कागोशिमा हवाई अड्डे (Kagoshima Airport) से आने-जाने वाली 30 उड़ानों को रद्द कर दिया गया। हवाई अड्डा प्रबंधन ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया है।

राख गिरने की चेतावनी और स्वास्थ्य जोखिम

जेएमए ने चेतावनी दी है कि विस्फोट के बाद राख उत्तर-पूर्व दिशा में बह गई है। रविवार को कागोशिमा शहर और आस-पास के मियाजाकी प्रांत में राख गिरने की उम्मीद है। लोगों को घरों में रहने और मास्क पहनने की सलाह दी गई है क्योंकि राख से सांस की बीमारी और आंखों में जलन हो सकती है। सड़कों पर फिसलन हो सकती है इसलिए वाहन चालकों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। जापान सरकार ने इलाके में अलर्ट लेवल बढ़ा दिया है।

जापान में ज्वालामुखी क्यों होते हैं?

साकुराजिमा जापान के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और नियमित रूप से छोटे विस्फोट करता रहता है। जापान "रिंग ऑफ फायर" (Ring of Fire) नामक क्षेत्र में स्थित है जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। 1914 में साकुराजिमा में एक बड़ा विस्फोट हुआ था जिसने पूरे द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ दिया था। जेएमए लगातार निगरानी कर रही है और वर्तमान में कोई बड़ा खतरा नहीं बताया गया है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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