G20 अध्यक्षता में Global South पर दिखा भारत की कूटनीति का दम, वैश्विक नेताओं ने दिल खोलकर की प्रशंसा
punjabkesari.in Monday, Sep 25, 2023 - 03:35 PM (IST)

न्यूयॉर्क: विभिन्न देशों के नेताओं ने G20 अध्यक्षता में ग्लोबल साउथ पर भारत की कूटनीति का दिल खोलकर प्रशंसा की है। यहां कहा कि भारत ने G20 की अपनी अध्यक्षता के साथ, ‘ग्लोबल साउथ' के देशों को आवाज दी और महामारी के दौरान जब अन्य देश ‘‘टीका कूटनीति'' में लिप्त थे, तब दुनिया भर के देशों को कोविड-19 रोधी टीकों की आपूर्ति कर असहाय लोगों की ओर मानवता का हाथ बढ़ाया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को यहां एक विशेष ‘इंडिया-यूएन फॉर ग्लोबल साउथ: डिलीवरिंग फॉर डिवलपमेंट' कार्यक्रम में ‘ग्लोबल साउथ' के कई नेताओं की मेजबानी की। कार्यक्रम में ‘ग्लोबल साउथ' के नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर विकासशील देशों के हितों और चिंताओं की वकालत करने वाला ‘‘मजबूत नेता'' होने के लिए भारत की सराहना की।
‘ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल अक्सर विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए किया जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के इतर आयोजित इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के गणमान्य व्यक्तियों के साथ ही एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरेबियाई और छोटे द्वीपीय देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इन देशों के नेताओं ने भारत को जी20 की सफल अध्यक्षता करने और इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में शिखर सम्मेलन के समापन के बाद एक ऐतिहासिक संयुक्त घोषणा सर्वसम्मति से जारी होने के लिए बधाई दी। भूटान के विदेश मामलों के मंत्री डॉ टांडी दोरजी ने कहा, ‘‘कई मायनों में, भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर विकासशील देशों के हितों और चिंताओं की वकालत करते हुए ‘ग्लोबल साउथ' के एक मजबूत नेता के रूप में खड़ा है।
G20 की अपनी अध्यक्षता के माध्यम से, भारत ने ‘ग्लोबल साउथ' देशों की चिंताओं और हितों को सामने रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देशों के बीच एकजुटता और सहयोग की भावना को मजबूत किया।'' उन्होंने कहा कि भारत द्वारा G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी और ग्लोबल साउथ के कल्याण के प्रति उसका समर्पण ‘अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में उसके नेतृत्व का प्रमाण है।'' भूटान के मंत्री ने G20 में अफ्रीकी संघ के प्रवेश की भी सराहना की और इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को श्रेय दिया। दोरजी ने कहा, ‘‘निस्संदेह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी G20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने की वकालत करने के लिए प्रशंसा के पात्र हैं। शिखर सम्मेलन से तीन महीने पहले रखा गया एक प्रस्ताव इस ऐतिहासिक निर्णय का आधार बना।'' डोमिनिका के विदेश, अंतरराष्ट्रीय व्यापार, व्यापार और ऊर्जा मंत्री डॉ. विंस हेंडरसन ने कहा कि भारत ने G20 के अपने नेतृत्व का उपयोग समावेशी होने और अपने जैसे विकासशील देशों को आवाज देने के लिए किया।
हेंडरसन ने कहा कि छोटे द्वीपीय विकासशील देशों के लिए, यह तथ्य कि एक विकासशील देश होते हुए भारत, "हमारी ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, कुछ ऐसा है जिसके लिए हम सदैव आभारी हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जो सबक मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित करता है, वह है कोविड-19 महामारी। मुझे दुनिया की एक बहुत ही महत्वपूर्ण राजधानी में बैठने का अवसर मिला। मैं नाम नहीं लूंगा, लेकिन मुझे वह संघर्ष याद है जो हम इसके लिए कर रहे थे कि हमें टीके जल्द कैसे मिल सकते हैं...और इससे पहले कि हम यह जानते, भारत ने डोमिनिका के साथ ही कैरेबियाई और दुनिया के बाकी सदस्य देशों को टीके उपलब्ध करा दिये।''
हेंडरसन ने वहां मौजूद लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से आपको, भारत के लोगों और सरकार को ऐसी जरूरत के समय हमारी मदद करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे लगता है कि टीका कूटनीति में अन्य देश शामिल थे, भारत नहीं।'' डोमिनिका ने कहा कि भारत न केवल पृथ्वी पर सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में बल्कि "अपनी शक्ति के प्रयोग में बड़ी जिम्मेदारी दिखाने वाले देश" के रूप में भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता पाने का हकदार है। मॉरीशस के विदेश, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री मनीष गोबिन ने G20 की अध्यक्षता के लिए भारत को बधाई देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर बढ़ते मतभेदों के समय, नयी दिल्ली घोषणापत्र इसका एक "उदाहरण" है कि उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध के देश आम भलाई के लिए मतभेदों को दूर कर सकते हैं।