श्रीलंका ब्लास्ट्स के मास्टरमाइंड आंतकी जहरान की मौत से खुश है बहन,कई राज भी खोले

punjabkesari.in Sunday, Apr 28, 2019 - 11:10 AM (IST)

कोलंबोः ईस्टर संडे पर हुए बम धमाकों से दहला श्रीलंका अभी भी बारूद के ढेर पर है। सीरियल ब्लास्ट के बाद से ही श्रीलंका में लगातार कहीं न कहीं ब्लास्ट होते जा रहे हैं। शनिवार को भी यहां सुरक्षा बलों के छापे के दौरान कुछ संदिग्धों से मुठभेड़ हो गई। इसी दौरान तीन संदिग्ध लोगों ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया, जिसमें कम से कम 15 की मौत हो गई। मरने वालों में 6 बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।

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इसी बीच 359 से अधिक लोगों की मौत के दोषी मास्टरमाइंड जहरान हाशिम की बहन मधानिया (26) की प्रतिक्रिया सामने आई है। मधानिया और उसके पति को एक अधिकारी इन 15 मृतक लोगों की पहचान के लिए अस्पताल लेकर गए। इसी बीच मधानिया का कहना है, "कृपया उनसे कहिए कि मुझे तस्वीरें दिखा दें, मैं पहचान लूंगी। मैं जाकर देख नहीं सकती।" मधानिया कहती है, "उसने भगवान को खो दिया क्योंकि उसने गलत लोगों से हदीस सीखा, उसने लोगों को मारना सीखा। मैं कह सकती हूं कि मैं खुश हूं कि वो अब नहीं रहा।"
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जहरान वही है, जिसने 21 अप्रैल को शंगरी-ला होटल में खुद को उड़ा लिया था। मधानिया का एक अन्य भाई मोहम्मद जेयिन हाशिम भी अभी तक लापता है। जांचकर्ताओं का कहना है कि हो सकता है कि जेयिन ने भी खुद को उड़ा लिया है। शुक्रवार शाम को छापे के दौरान जिन लोगों की मौत हुई उनमें मधानिया का तीसरा भाई, उसकी पत्नी और दो बच्चे भी शामिल हैं। मृतकों में जेयिन की पत्नी और बच्चे समेत परिवार के कई अन्य सदस्य भी शामिल हैं। मधानिया के पति का कहना है कि अधिकारी ने उन्हें जिन लोगों की तस्वीर दिखाई है, उनमें एक जहरान की पत्नी और उसके दो बच्चों में से एक हैं। 21 अप्रैल को चर्च और पांच सितारा होटलों में हुए धमाकों से तीन दिन पहले से इस परिवार के 16 लोग लापता थे।
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मधानिया का कहना है कि वह इस्लामिक स्टेट के बारे में कुछ नहीं जानती है, जिसने उसके भाई को कई अन्य लोगों की जान लेने के लिए प्रेरित किया है। मधानिया का कहना है, "मैंने (मधानिया और जहरान) उससे तब से बात नहीं की जब से उसने अपने भाषणों में जहर उगलना शुरू किया। वह उग्र इस्लामी था। वह अपने टीनेज के दिनों से ही ऐसी बैठकों में शामिल होता था। लेकिन मैं तब से उससे दूर हूं, जब से उसने सरकार, राष्ट्रीय झंडे, चुनाव और अन्य धर्मों के खिलाफ प्रचार करना शुरू किया।" मधानिया का घर नेशनल तौहीद जमात से करीब 100 मीटर की दूरी पर स्थित है।मधानिया कहती है, "वो अन्य धर्मों को लेकर आक्रामक था, यहां तक कि सूफी और उदारवादी मुस्लिमों के प्रति भी। वह सूफी को नशा और धूम्रपान करने वाला कहता था।
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मेरे पति उससे दूर रहते थे, जब लगा कि वह गलत दिशा में जा रहा है। पुलिस पहले से ही उसकी निगरानी कर रही थी।" मधानिया का कहना है कि जहरान की दुनिया के प्रति नफसर का वो विरोध करती थी, इसलिए उसे और उसके पति को छोड़कर पूरा परिवार चला गया है। जहरान ने कक्षा छह में स्कूल छोड़ दिया था लेकिन इस्लाम में उसकी विशेष रुचि थी। उसने कुरान की पढ़ाई की और साल 2006 में अपना इस्लामिक अध्ययन सेंटर भी शुरू किया।  मधानिया का कहना है कि जहरान की पहली विदेश यात्रा जापान की थी। वह तमिल मुस्लिमों को कुरान की शिक्षा देता था। वह केवल कुरान पढ़ता था, उसे बाकी सब पाप लगता था।
 


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Tanuja

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