जानिए कब-कब एफिल टावर को उड़ाने की मिली धमकी, देखें पूरा इतिहास और तस्वीरें

punjabkesari.in Saturday, Aug 12, 2023 - 08:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क: फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित एफिल टावर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा कि टावर को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इस दौरान बम निरोधक दस्ता ने टावर को खाली करवा दिया है। ऐतिहासिक स्मारक के आसपास पुलिस ने बेरिकेडिंग कर दी है। आपको बत्ता दें कि जैसे भारत की एक पहचान ताज महल है, उसी तरह एफिल टावर फ़्रांस की पहचान है। तो आइए जानें कब-कब एफील टावर को उड़ाने की धमकी और क्या है इसका पूरा इतिहास-

2020 में भी उड़ाने की धमकी मिली थी

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पेरिस के एफिल टावर को सितंबर 2020 में भी उड़ाने की खबर सामने आ चुकी है। वहीं, मई 2018 में ही टावर को बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है। उस समय में भी पूरे पेरिस में हडकंप मच गया था। पुलिस की टीमों ने आसपास के सभी इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया था। आज फिर 12 अगस्त 2023 को शाम करीब 6.30 बजे बम से उड़ाने की धमकी मिली है और बम निरोधक दस्ता ने जांच शुरू कर दी है।

कब हुआ था निर्माण?

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एफिल टॉवर पर निर्माण कार्य जनवरी 1887 में शुरू हुआ और 31 मार्च 1889 को समाप्त हुआ था। यह टावर विश्व में उल्लेखनीय निर्माणों में से एक और फ़्रांस की संस्कृति का प्रतीक है। एफिल टावर की रचना गुस्ताव एफिल के द्वारा की गई है और उन्हीं के नाम पर से एफिल टावर का नामकरन हुआ है। 1889 के वर्ल्ड फेयर के दौरान दो मिलियन पर्यटकों ने एफिल टॉवर को निहारा था। इसे देखने के लिए लाखों लोग दुनिया भर से आते हैं। जिस समय एफिल टावर तैयार किया गया था, उस समय यह दुनिया की सबसे ऊँची इमारत थी। आज के समय में एफिल टावर की ऊँचाई 324 मीटर है। जो की पारंपरिक 81 मंज़िला इमारत की ऊँचाई के बराबर है।

एफिल टावर को गिराने की कोशिश नाकाम

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14 जून 1940 में जर्मनी ने फ्रांस की राजधानी पेरिस पर कब्जा करने के बाद हिटलर खुद पेरिस गया। हिटलर ने पेरिस के एफिल टावर समेत कई मशहूर जगहों पर घुमा। हिटलर टावर को गिराने के लिए उपर चढ़ा, इतनी ही देर में फ्रांसीसियों ने जानबूझकर टावर की लिफ्ट केबल बंद की और हिटलर ऊपर चढ़ने में नाकाम रहा। इस दौरान फ्रांस के मित्र देशों के सेना पहुंच गई और नाजी सेना के अपने मकसद में कामयाब नहीं होने दिया।

धोखे से दो बार टावर को बेचा

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1925 में लुस्टिग नाम के एक व्यक्ति ने एफील टावर को दो बार धोखे से बेचने की कोशिश की। दरअसल, यूरोप में पहला विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद रेनोवेशन का काम चल रहा था। एफिल टावर की भी मरम्मत की जा रही थी। लुस्टिग पेरिस के एक लग्जरी होटल में उद्योगपतियों के साथ मीटिंग करता है और खुद को फ्रांसीसी सरकार का अधिकारी बताकर बातचीत करता है। मीटिंग ने उसने बताया कि कुछ खराबियों के कारण टावर का गिरना जरूरी है। लुसिटग ने कहा सबसे अधिक बोली लगाने वाले को टावर दिया जाएगा। उद्योगपतियों ने बोली लगाई और सबसे अधिक बोली लगाने वाले को टावर बेच दिया। लुसिटग ने ऐसी चालाकी एक बार नहीं बल्कि 2 बार की है।


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News Editor

Parveen Kumar

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