खालिस्तान उग्रवाद से कनाडा में खत्म हो रही है समावेशिता, लोगों में फैल रही धार्मिक नफरत
punjabkesari.in Saturday, Dec 02, 2023 - 03:20 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क. नवंबर 2023 में एक खालिस्तानी समूह ने ब्रिटिश कोलंबिया के सरी में हिंदू लक्ष्मी नारायण मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। अगस्त 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरी में एक हिंदू मंदिर में खालिस्तान जनमत संग्रह के पोस्टर और मारे गए खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) प्रमुख की तस्वीरों के साथ तोड़फोड़ की गई थी। अप्रैल 2023 में ओंटारियो के विंडसर में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर को भारत विरोधी भित्तिचित्रों से विरूपित किया गया था। जुलाई 2022 में ओंटारियो के रिचमंड हिल में विष्णु मंदिर में स्थित महात्मा गांधी की एक मूर्ति को खालिस्तानी नारों के साथ तोड़ दिया गया था।
यह अलग-अलग घटनाएं धमकी और उत्पीड़न के एक पैटर्न का प्रतिनिधित्व करती हैं। कनाडा जो बहुसंस्कृतिवाद के लिए प्रसिद्ध था। इस समय खालिस्तानी उग्रवाद के उदय और देश के सामाजिक ताने-बाने पर इसके प्रभाव के कारण बढ़ती चिंता का सामना कर रहा है। पूजा स्थलों के बाहर विरोध प्रदर्शनों, धमकियों और हिंसा से जुड़ी हालिया घटनाओं ने सभी के लिए स्वागत योग्य आश्रय स्थल के रूप में कनाडा की प्रतिष्ठा पर ग्रहण लगा दिया है।
इन घटनाओं ने हिंदूओं में भय और चिंता पैदा कर दी है। पूजा स्थल शांति और आध्यात्मिक सांत्वना के प्रतीक है। इन्हें निशाना बनाने के कार्य बर्दाश्त नहीं किए जा सकता है। कनाडा के सांसद चंद्र आर्य लगातार इन घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं और सरकार से निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह करते रहे हैं। हालांकि, उनके प्रयासों को अनसुना कर दिया गया, जिससे उन्हें "एक टूटे हुए रिकॉर्ड" जैसा महसूस हुआ।
सरकार की तरह से कोई ठोस कार्रवाई की कमी ने खालिस्तानी समूहों को प्रोत्साहित किया है, जिससे उन्हें यह आभास हुआ है कि वे दण्ड से मुक्ति के साथ काम कर सकते हैं। लेकिन इससे कनाडा के नागिरक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कनाडाई सरकार को इस मुद्दे के समाधान के लिए तत्काल और निर्णायक कदम उठाने चाहिए और अपने नागरिकों को आश्वस्त करना चाहिए कि वह उन मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है जो कनाडा को वास्तव में एक समावेशी राष्ट्र बनाते हैं।