सोचा था कनाडा जाओंगा और नौकरी मिलेगी...हुआ कुछ और, भारतीय छात्र की कहानी चौकाएगी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 30, 2025 - 10:45 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कनाडा दुनियाभर के युवाओं के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन है — बेहतर जीवनशैली, स्थिर अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों के कारण। हर साल हजारों भारतीय छात्र और पेशेवर इस सपने को साकार करने के लिए कनाडा का रुख करते हैं। लेकिन क्या वाकई वहां सबकुछ उतना आसान होता है, जितना दूर से दिखता है? हाल ही में एक भारतीय युवक ने अपनी कहानी साझा कर इस भ्रम को तोड़ने की कोशिश की है, जिसने कनाडा में नौकरी पाने के लिए काफी संघर्ष झेला।

चार साल का अनुभव, फिर भी बेरोजगारी का सामना

रेडिट पर साझा की गई पोस्ट में इस युवक ने बताया कि वह कंप्यूटर साइंस में चार साल का अनुभव लेकर कनाडा आया था और यहां आकर एक डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लिया। उसे उम्मीद थी कि ग्रेजुएशन के बाद टेक्नोलॉजी सेक्टर में एक बेहतर जॉब मिल जाएगी। लेकिन हकीकत इससे उलट थी। पढ़ाई पूरी होने के बाद लंबे समय तक उसे कोई नौकरी नहीं मिली।

दो हफ्ते में मिली पार्ट टाइम नौकरी, लेकिन…

शुरुआत में उसे पार्ट-टाइम जॉब तो मिल गई, मगर स्थिरता नहीं मिली। उसे चार अलग-अलग जगहों से निकाल दिया गया। इस दौरान उसे यह भी महसूस हुआ कि यूनिवर्सिटी और डिप्लोमा कॉलेजों में पढ़ाई का स्तर लगभग एक जैसा है और पढ़ाई उतनी गहन नहीं है जितनी होनी चाहिए।

मास्टर्स में भी साधारण पढ़ाई

उसने बताया कि यहां मास्टर्स की पढ़ाई भी अधिकतर सतही थी। क्लास के छात्र पढ़ाई में गंभीर नहीं थे और खुद भी किसी गहराई में जाने की कोशिश नहीं कर रहे थे। इसने उसे और निराश कर दिया क्योंकि उसे उम्मीद थी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा उसे एक नया मुकाम दिलाएगी।

नौकरी मिली, लेकिन एक साल बाद

लंबे संघर्ष और लगातार रिजेक्शन के बाद फरवरी 2025 में उसके एक दोस्त ने मदद की। दोस्त की कंपनी में एक वैकेंसी आई, और दो हफ्ते की कठिन तैयारी के बाद उसने इंटरव्यू क्लियर किया और फाइनली उसे नौकरी मिल गई।

कनाडा आने की सोच रहे भारतीयों के लिए सलाह

उसका साफ संदेश है: "अगर आपके पास यहां आने से पहले किसी का सपोर्ट सिस्टम नहीं है, जो आपको इंटरव्यू दिला सके, तो रुकिए और दोबारा सोचिए।" उसने यह भी कहा कि कनाडा में सफल होने के लिए न केवल मजबूत टेक्निकल स्किल्स, बल्कि मानसिक मजबूती भी बेहद जरूरी है। लगातार रिजेक्शन, आर्थिक दबाव और अकेलापन आपकी मानसिक स्थिति पर गहरा असर डाल सकता है।

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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