चीन-सोलोमन समझौते को लेकर बढ़ी जापान की टेंशन, द्वीप यात्रा पर भेज रहा दूत

punjabkesari.in Monday, Apr 25, 2022 - 03:04 PM (IST)

टोक्योः सोलोमन द्वीप के साथ चीन के हालिया समझौते से उपजी चिंता के बीच जापान सोमवार को इस दक्षिण प्रशांत राष्ट्र में अपने एक उप विदेश मंत्री को भेज रहा है। ऐसी आशंका है कि द्वीपीय राष्ट्र और चीन के बीच हुए समझौते से क्षेत्र में बीजिंग का सैन्य प्रभाव बढ़ सकता है। उप विदेश मंत्री केंटारो उसुगी की सोलोमन द्वीप की तीन दिवसीय यात्रा एक वरिष्ठ अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा की बाद हो रही है, जिन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि चीन के साथ सुरक्षा सौदा अमेरिका और सहयोगियों के हितों के लिए खतरा पैदा करता है तो वाशिंगटन दक्षिण प्रशांत राष्ट्र के खिलाफ अनिर्दिष्ट कार्रवाई करेगा।

 

चीन और सोलोमन ने पिछले सप्ताह सुरक्षा समझौते की पुष्टि की थी जिसने पड़ोसी देशों और जापान सहित पश्चिमी सहयोगियों को भी चिंतित कर दिया है जिन्हें इस क्षेत्र में एक सैन्य निर्माण का डर है। विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने शुक्रवार को कहा, “हमारा मानना है कि यह समझौता पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है और हम इस घटनाक्रम को चिंता के साथ देख रहे हैं।” सोलोमन द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान उसुगी के सुरक्षा समझौते के बारे में जापान की चिंता को व्यक्त करने और द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है।

 

जापान पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में चीन की लगातार बढ़ती सैन्य गतिविधि को दुनिया के कुछ व्यस्ततम समुद्री मार्गों में एक खतरे के रूप में देखता है। जापान विशेष रूप से जापान नियंत्रित सेनकाकू द्वीपों के पास पूर्वी चीन सागर में चीनी सैन्य और तट रक्षक गतिविधि के बारे में चिंतित है, जिस पर चीन भी दावा करता है और उसे डियाओयू कहता है। तोक्यो ने हाल के वर्षों में सुरक्षा सहयोग को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है और अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया, भारत, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी सहित अन्य पश्चिमी भागीदारों के साथ संयुक्त अभ्यास का विस्तार किया है, जो चीन के बढ़ते प्रभाव के बारे में अपनी चिंताओं को साझा करते हैं। 

 


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Content Writer

Tanuja

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