जापान की सबसे बड़ी डिजीटल एक्सचेंज में हैकिंग हमला,निवेशकों का करो़ड़ों डॉलर डूबा

punjabkesari.in Sunday, Jan 28, 2018 - 11:31 AM (IST)

टोक्योः जापान की डिजीटल करंसी एक्सचेंज कॉइनचेक में हुए हैकिंग हमले में 53.4 करोड़ डॉलर क़ीमत की वर्चुअल करंसी चोरी हो गई।कॉइनचेक जोपान की सबसे बड़ी डिजीटल करंसी एक्सचेंज में से एक है और अब उसने बिटकॉइन के अलावा तमाम तरह की क्रिप्टो करंसी में लेन-देन बंद कर दिया है। कंपनी एनईएम नाम की वर्चुअल करंसी में हुए नुक़सान का आंकलन कर रही है। कंपनी के एक प्रतिनिधि ने जापानी मीडिया से कहा है कि कंपनी निवेशकों का पैसा शायद न लौटा पाए।यदि इस चोरी की पुष्टि हो जाती है तो ये डिजीटल मुद्रा की सबसे बड़ी चोरी होगी।

टोक्यो स्थित एक और एक्सचेंज एमटीगॉक्स ने साल 2014 में स्वीकार किया था कि उसके नैटवर्क से 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा चुरा ली गई है। इस ख़बर के बाद ये डिजीटल एक्सचेंज ठप्प हो गई थी। माना जा रहा है कि कॉइनचेक की जो मुद्रा चोरी हुई है, वो 'हॉट वालेट' में रखी थी जो इंटरनैट से जुड़ा था। वहीं 'कोल्ड वॉलेट' में मुद्रा को ऑफ़लाइन नैटवर्क पर रखा जाता है।  इनचेक का कहना है कि उसे मालूम है कि चुराई गई मुद्रा किन डिजीटल पतों पर भेजी गई है।

कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि हैकर उसके नैटवर्क में शुक्रवार सुबह घुसे थे लेकिन इस चोरी का पता 8 घंटे बाद ही चल सका। कंपनी पता लगा रही है कि इस हैकिंग हमले में कुल कितने ग्राहक प्रभावित हुए हैं और ये हमला कहां से किया गया है। ब्लूमबर्ग एजेंसी के मुताबिक चोरी के बाद दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी NEM के बाज़ार भाव में करीब 11 प्रतिशत की गिरावट आई है और ये इसकी क़ीमत कम होकर 87 सेंट हो गई है।

वहीं बिटकॉइन में 3.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और रिप्पल में 9.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। 2012 में स्थापित हुई ये कंपनी टोक्यो में स्थित है और इसमें बीते साल अगस्त तक 71 कर्मचारी कार्यरत थे। ब्लूमबर्ग के मुताबिक कंपनी टोक्यो के शीबूया ज़िले में स्थित है जहां कई स्टार्ट अप कंपनियों के दफ़्तर हैं. एमटीगॉक्स एक्सचेंज भी यहीं से संचालित थी।


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