हमास ने इजरायल  का सीजफायर प्रस्ताव ठुकराया, कहा-इजराइली सेना आए तो बंधकों को मार डालो

punjabkesari.in Wednesday, Jun 12, 2024 - 01:04 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिकी की पहल पर भेजे गए युद्धविराम और कैदियों की अदला-बदली वाले प्रस्ताव   को हमास ने ठुकरा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार ने हमास ने साफ कर दिया है कि इजरायली सेना की गाजा से वापसी से कम वाले किसी भी प्रस्ताव को वह स्वीकार नहीं करेगा।  गाजा का बिन लादेन कहे जाने वाले हमास के मुखिया याह्या सिनवार ने इजरायल के साथ युद्धविराम के लिए बड़ी शर्त रखी है। अमेरिकी पहल के तहत भेजे गए युद्धविराम प्रस्ताव पर हमास ने कतर में मौजूद के राजनीतिक कार्यालय के जरिए अपना जवाब भेजा है। इसमें हमास ने युद्धविराम के लिए राफा क्रॉसिंग और फिलाडेल्फी कॉरिडोर से इजरायली सेना की पूर्ण वापसी की शर्त रखी है।  हमास ने जंग के 8 महीने बाद अपने लड़ाकों को आदेश दिए हैं कि अगर इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) उनकी तरफ आगे बढ़े तो कैद में रखे इजराइली बंधकों को सीधा गोली मार दें।

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 न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट  के मुताबिक नुसीरत कैंप में इजराइल बंधकों को छुड़ाने के लिए चलाए गए ऑपरेशन के बाद यह फैसला लिया गया है। दरअसल, इजराइल ने 8 जून को हमास की कैद से अपने 4 नागरिकों को रेस्क्यू किया था। इस दौरान 270 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए थे। हमास ने दावा किया था कि हमलों में 3 बंधकों की भी मौत हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और इजराइल के इंटेलिजेंस और मिलिट्री की टीम लगातार ड्रोन्स, सैटेलाइट और दूसरे तरीकों से गाजा में बंधकों को ट्रैक करने की कोशिश कर रही हैं। हमास ने साफ कह दिया है कि वो ऐसे किसी भी समझौते को स्वीकार नहीं करेगा जिसमें गाजा से इजरायली सेना की पूरी तरह वापसी शामिल न हो। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक  बंधकों को लेकर पहले से दबाव झेल रहे इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के लिए हमास की शर्त मुश्किल बढ़ाने वाली है।

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इससे पहले कतर के विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसे गाजा पट्टी में संघर्ष विराम के प्रस्ताव के बारे में हमास की प्रतिक्रिया मिल गई है। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि हमास और अन्य फिलिस्तीनी गुटों ने मंगलवार को "युद्ध विराम समझौते और कैदियों की अदला-बदली के ताजा प्रस्ताव" पर अपनी प्रतिक्रिया दी। बयान के अनुसार, दोनों देशों ने पुष्टि की कि वे प्रस्ताव पर अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसके बारे में कुछ और नहीं बताया। फिलिस्तीनी इस्लामिक रेसिस्टेंट मूवमेंट (हमास) और इस्लामिक जिहाद ने अल जजीरा को बताया कि वे सकारात्मक तरीके से समझौता करने के लिए तैयार हैं और उनका मुख्य लक्ष्य गाजा में इजरायली अभियानों को रोकना है। लेबनान के चरमपंथी गुट हिजबुल्लाह से जुड़े एक चैनल अल मायदीन को बताया कि उन्होंने युद्धविराम प्रस्ताव में संशोधन करके यह स्पष्ट कर दिया है कि यह स्थायी नहीं होगा।

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राष्ट्रपति बाइडेन ने जिस समझौते की घोषणा की थी, उसमें स्थायी युद्धविराम का जिक्र था। बता दें कि गाजा में चल रही जंग में अब तक 35 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, लेकिन इन मौतों पर दुख के बजाय सिनवार इसे सफलता के रूप में देख रहा है। सिनवार ने फिलिस्तीनियों की मौत को आवश्यक बलिदान करार दिया है। सिनवार का मानना है कि गाजा में जितनी ज्यादा मौतें होंगी उससे हमास को फायदा होगा और इजरायल का दुनिया भर में विरोध होगा। 


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Content Writer

Tanuja

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