Raisi funeral: ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई की अगुवाई में राष्ट्रपति रईसी के अंतिम संस्कार की रस्में शुरू (Videos)

punjabkesari.in Wednesday, May 22, 2024 - 03:51 PM (IST)

 इंटरनेशनल डेस्कः ईरान में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए देश के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन और अन्य अधिकारियों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई की अगुवाई में बुधवार को प्रारंभ हुई। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर के साथ राजधानी तेहरान में निकाले गए जुलूस में हजारों लोग शामिल हुए। तेहरान विश्वविद्यालय में मृतकों के ताबूत रखे गए। ये ताबूत ईरानी ध्वज में लिपटे हुए हैं और ताबूतों पर नेताओं की तस्वीरें लगायी गयी हैं। दिवंगत राष्ट्रपति रईसी के ताबूत पर एक काली पगड़ी रखी गई जो उनके इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद का वंशज होने का संकेतक है।

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खामनेई ने इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की भाषा अरबी में मृतकों के लिए प्रार्थना की। इसके तुरंत बाद वह चले गए और अंदर मौजूद लोग ताबूतों को छूने के लिए उमड़ पडे। ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर पास में ही खड़े रहे और इस दौरान उन्हें रोते हुए देखा गया। इसके बाद लोग अपने कंधों पर ताबूत लेकर चले और बाहर नारे लगाए, ‘‘अमेरिका की मौत।'' इसके बाद उन्होंने तेहरान के पुराने इलाके से होकर आजादी या ‘फ्रीडम' चौक तक जनाजा निकालने के लिए एक ट्रक ट्रेलर में ताबूत रखे। रईसी ने इस चौक पर भाषण दिए थे।

 

इस सभा में ईरान के अर्द्धसैन्य बल रेवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष नेता भी शामिल हुए। साथ ही हमास का इस्माइल हानियेह भी शामिल हुआ। ईरान, गाजा पट्टी में जारी इजराइल-हमास युद्ध के दौरान इस आतंकवादी समूह का समर्थन कर रहा है और उसे हथियार मुहैया करा रहा है। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू करने से पहले भीड़ का नेतृत्व कर रहे एक अधिकारी ने नारा लगाया, ‘‘इजराइल की मौत।'' हानियेह ने भीड़ में एकत्रित लोगों से कहा, ‘‘मैं हमारी संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए फलस्तीनी लोगों, गाजा के प्रतिरोधी गुटों की ओर से आया हूं।'' रईसी के अंतिम संस्कार में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुतक्की समेत तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल के शामिल होने की संभावना है।

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ईरान की धर्म आधारित शासन व्यवस्था ने पांच दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सार्वजनिक शोक सभा में शामिल हो सकें। आमतौर पर, सरकारी कर्मचारी और स्कूली बच्चे ऐसे आयोजनों में सामूहिक रूप से भाग लेते हैं। ईरान में शिया धर्म आधारित शासन में विशाल प्रदर्शन हमेशा से अहम रहे हैं। यहां तक कि 1979 की इस्लामिक क्रांति के दौरान भी तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह रुहुल्लाह खुमैनी के स्वागत में लाखों लोग राजधानी तेहरान की सड़कों पर उतर आए थे। इस बीच, ईरान के एक अधिकारी ने रविवार को हुई दुर्घटना के संबंध में एक नया पक्ष रखा है, जिससे इस बात को बल मिला है कि खराब मौसम के कारण ही यह हादसा हुआ।

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रईसी के काफिले में शामिल दो अन्य हेलीकॉप्टर में से एक में सवार गुलामहुसैन इस्माइली ने सरकारी टीवी को बताया कि जब विमान ने उड़ान भरी थी तो मौसम ठीक था। लेकिन रईसी का हेलीकॉप्टर घने बादलों में खो गया और अन्य हेलीकॉप्टर रेडियो के जरिये उस तक नहीं पहुंच पाए, जिसके कारण उन्हें एक नजदीकी कॉपर खदान में उतरना पड़ा। इस्माइली ने बताया कि अमीराब्दुल्लाहियन या विमान में सवार एक अंगरक्षक में से किसी ने भी फोन का जवाब नहीं दिया, लेकिन मोहम्मद अली अले-हाशेम ने किसी तरह दो मोबाइल फोन का जवाब दिया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसके बाद भी ईरान फोन सिग्नल का पता क्यों नहीं लगा पाया। उन्होंने कहा, ‘‘जब हमें दुर्घटनास्थल के बारे में पता चला तो शवों की हालत से ऐसा प्रतीत हुआ कि अयातुल्लाह रईसी और अन्य साथियों की तुरंत मौत हो गयी थी, लेकिन अले-हाशेम ने कई घंटों बाद दम तोड़ा था।'' 


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Content Writer

Tanuja

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