अंतिम संस्कार के लिए मशहद पहुंचा राष्ट्रपति रईसी का पार्थिव शरीर, अलविदा कहने पहुंचे 68 देशों के नेता और लाखों लोग
punjabkesari.in Thursday, May 23, 2024 - 06:14 PM (IST)
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इंटरनेशनल डेस्कः ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को अंतिम विदाई देने के लिए उनके पार्थिव शरीर को मशहद शहर लाया गया है। इसी शहर में रईसी का जन्म हुआ था। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की 19 मई की शाम एक हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी। कुछ ही देर में ईरान के दूसरे सबसे बड़े शहर मशहद में उनको दफनाया जाएगा। न्यूज एजेंसी अनादोलु के मुताबिक, इस दौरान दुनिया भर से करीब 68 देशों के नेता-डिप्लोमैट्स भी मौजूद रहेंगे। इनमें भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल हैं। उनके अलावा कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी, इराकी पीएम मोहम्मद शिया अल सुडानी और पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के अलावा कई देशों के राष्ट्रपति पहुंचे।
रईसी को आखिरी विदाई देने के लिए तालिबान के डिप्टी पीएम मुल्ला बरादर, हमास के पॉलिटिकल लीडर इस्माइल हानिए और हूती विद्रोहियों के प्रतिनिधि पहुंचे। विदेश नेताओं और अधिकारियों को ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति मोहम्मद मुखबेर, अतंरिम विदेश मंत्री अली बाघेरी कानी समेत कई दूसरे अन्य अधिकारियों ने रिसीव किया। रईसी के शव को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने से पहले उनकी अंतिम यात्रा में पूरे ईरान के लाखों लोग शामिल हुए हैं। उनके हाथ में ईरान का झंडा और रईसी की तस्वीरें मौजूद हैं। रईसी के परिजन भी गुरुवार सुबह मशहद एयरपोर्ट पहुंचे। मशहद शहर में कई जगहों पर ईरान का झंडा लगाया गया है। लाखों की संख्या में लोग काले कपड़े पहनकर रईसी को अंतिम विदाई देने के लिए सड़कों पर उतरे।
इससे पहले बुधवार को इब्राहिम रईसी सहित अन्य अधिकारियों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई की अगुआई में शुरू हुई। उन्होंने रईसी के लिए प्रार्थना की। इसे देखने के लिए देशभर के विभिन्न जगहों से हजारों लोग तेहरान पहुंचे। पार्थिव शरीर के साथ निकाले गए जुलूस में ईरानी नागरिक काले कपड़े पहनकर शामिल हुए। इसके बाद तेहरान विश्वविद्यालय में मृतकों के ताबूत रखे गए। इन ताबूतों को ईरानी ध्वज में लपेटा गया। इन पर मृतकों की तस्वीरें लगाई गई थीं।
तेहरान में अंतिम विदाई के कार्यक्रम को लेकर इब्राहिम रईसी के बड़े-बड़े बैनर लगाए गए, जिनमें दिवंगत राष्ट्रपति को शहीद बताया गया। रईसी समेत हेलिकॉप्टर क्रैश में मारे गए सभी लोगों को अंतिम विदाई देने के लिए उनके शवों को एक गाड़ी में रखकर शहर में घुमाया गया। इस दौरान लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी भावी प्रतिक्रिया के महत्व पर प्रकाश डालती है।