दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश ने जीती ऐतिहासिक जंग ! WHO ने पोलियो वायरस मुक्त किया घोषित

punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 03:09 PM (IST)

International Desk: इंडोनेशिया ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के मोर्चे पर एक बड़ी विजय हासिल की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि देश में फैला पोलियो वायरस टाइप-2 का प्रकोप अब समाप्त हो चुका है। यह घोषणा 19 नवंबर को तब की गई जब जून 2024 के बाद बच्चों या पर्यावरण में वायरस का कोई निशान नहीं मिला।

 

दो साल लंबी लड़ाई के बाद जीते
इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, आपातकालीन प्रतिक्रिया के तहत देशभर में करीब 60 मिलियन अतिरिक्त पोलियो वैक्सीन डोज़ दी गईं। स्वास्थ्य मंत्री बुडी गुणादी सादिकिन ने कहा कि यह सफलता स्वास्थ्यकर्मियों की कड़ी मेहनत, अभिभावकों के सहयोग और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के समर्थन से संभव हुई।  उन्होंने चेतावनी भी दी कि कुछ क्षेत्रों में कम टीकाकरण कवरेज के कारण पोलियो का खतरा अभी भी बना हुआ है। WHO के पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रीय निदेशक डॉ. साया मौ पियूकाला ने कहा कि इंडोनेशिया की यह उपलब्धि पूरे क्षेत्र के 25 साल पुराने पोलियो-फ्री दर्जे को और मजबूत करती है। उन्होंने सभी देशों से सतर्क रहने और संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान मज़बूत रखने की अपील की।


कहां-कहां मिले थे पोलियो के केस?
अक्टूबर 2022 में पहला मामला मिले के बाद देश के कई प्रांतों आचेह, बान्टन, वेस्ट जावा, सेंट्रल जावा, ईस्ट जावा, नॉर्थ मालुकू, सेंट्रल पापुआ, हाइलैंड पापुआ और साउथ पापुआ  में कुल कई केस सामने आए थे। आखिरी केस जून 2024 में रिपोर्ट हुआ। सरकार ने आपात टीकाकरण के लिए नॉवेल ओपीवी-2 (nOPV2) का इस्तेमाल किया और नियमित टीकाकरण भी तेज़ किया। 2023 में IPV (इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन) की दूसरी डोज़ 63% बच्चों को मिली थी, जबकि 2024 में यह बढ़कर 73% हो गई। इंडोनेशिया ने 2025 में हैक्सावैलेंट वैक्सीन भी शुरू की, जो डीपीटी-एचबी-हिब और आईपीवी को एक शॉट में मिलाकर छह बीमारियों से सुरक्षा देती है।

 

UNICEF ने सराहा 
संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (UNICEF) इंडोनेशिया की प्रतिनिधि मनिज़ा ज़मान ने कहा कि यह उपलब्धि दिखाती है कि जब समुदाय, स्वास्थ्य प्रणाली और वैश्विक संस्थाएं साथ मिलकर काम करती हैं, तो बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में निगरानी, नियमित टीकाकरण और समुदाय से संवाद को और मजबूत किया जाएगा ताकि पोलियो कभी वापस न आए।


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Content Writer

Tanuja

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