नई जंग की आहट! चीन ने दुनिया का सबसे बड़ा जंगी बेड़ा कर लिया तैयार, 234 युद्धपोतों के साथ ‘सिचुआन’ का समुद्री परीक्षण शुरू
punjabkesari.in Saturday, Nov 15, 2025 - 12:16 PM (IST)
Bejing: दुनिया में नई जंग की आहट तेज होती दिख रही है। चीन ने 234 युद्धपोतों के विशाल नौसैनिक बेड़े के साथ अपने सबसे उन्नत जंगी जहाज ‘सिचुआन’ का समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है। EMALS तकनीक से लैस यह जहाज लड़ाकू विमान और ड्रोन ऑपरेट करने की क्षमता रखता है। इस कदम ने ताइवान, अमेरिका और जापान की सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है, क्योंकि यह चीन की Indo-Pacific में बढ़ती सैन्य आक्रामकता का नया संकेत माना जा रहा है। चीन ने लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन को संचालित करने के लिए शुक्रवार को विद्युत चुम्बकीय विमान प्रक्षेपण प्रणाली (EMALS) से लैस एक बड़े जंगी जहाज सिचुआन का समुद्री परीक्षण शुरू किया।
China's new assault ship SICHUAN 51 left Hudong-Zhonghua shipyard near Shanghai 14 Nov to begin sea trials. Roughly 50,000 tons, ship is at sea 25 months since assembly began, a truly remarkable achievement. Designed to operate unmanned aircraft, ship is the world's third to... pic.twitter.com/srfVKIEGqf
— Chris Cavas (@CavasShips) November 14, 2025
चीनी नौसेना ने यह जानकारी दी। सशस्त्र संघर्ष के दौरान दुश्मन के इलाकों तक पहुंचने और थल सेना की मदद के लिए इस तरह के जहाजों का उपयोग किया जाता है। यह परीक्षण इस महीने की शुरुआत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा देश के तीसरे विमानवाहक पोत, फ़ुज़ियान, के जलावतरण के बाद हुआ है। नयी तरह का विमानवाहक पोत ईएमएएलएस से लैस सबसे आधुनिक युद्धपोत बताया जा रहा है। ईएमएएलएस का इस्तेमाल केवल अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड द्वारा किया जाता है।
#China's first Type 076 amphibious assault ship, PLANS Sichuan, set sail from east China's #Shanghai on Friday morning to conduct its first navigation test mission. pic.twitter.com/9XutpIbl9K
— Amazing Henan (@HenanAmazing) November 14, 2025
आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिचुआन ऐसा पहला जहाज है जो EMALS से लैस है और यह जहाज बिजली से संचालित होता है। ईएमएएलएस, विमानवाहक जहाज पर विमानों के उतरने और उड़ान भरने की प्रक्रिया में तेजी ला सकता है। रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह जहाज चीनी सैन्य बलों को ताइवान तट पर तेज़ी से पहुंचने में मदद कर सकता है। चीन, ताइवान के अपना हिस्सा होने का दावा करता रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के कारण, चीन विभिन्न वैश्विक समुद्री मार्गों पर परिचालन के लिए और अधिक विमानवाहक पोत बना सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पास जहाजों का अब दुनिया का सबसे बड़ा बेड़ा है, जिसमें 234 युद्धपोत हैं, जबकि अमेरिकी नौसेना के पास 219 युद्धपोत हैं।
