आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेगे भारत और ईरान

punjabkesari.in Monday, May 23, 2016 - 09:31 PM (IST)

तेहरान: भारत और ईरान ने संयुक्त रूप से आतंकवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला करने का संकल्प व्यक्त करते हुए इस बुराई से निपटने के लिए खुफिया सूचनाएं साझा करने पर सहमति व्यक्त की जो इस क्षेत्र में पांव पसार रही है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के दौरान क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता, कट्टरपंथ और आतंकवाद के विषय पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस बात पर साझा रूख प्रकट किया कि आतंकवाद और कट्टरवाद क्षेत्र में शांति और अस्थिरता के समक्ष कई चुनौतियां पेश करता है।

उल्लेखनीय है कि दोनों नेताओं की पिछले वर्ष रूस के उफा में मुलाकात के दौरान इस विषय पर चर्चा हुई थी। ईरान की पहली यात्रा पर आए प्रधानमंत्री मोदी ने यहां के नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय और शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ क्षेत्र की शांति, स्थिरता और समृद्धि में भारत और ईरान की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है । हम अपने क्षेत्र में अस्थिरता, कट्टरपंथ और आतंक की ताकतों के विस्तार पर चिंताओं को साझा करते हैं।’’ दोनों देशों ने आतंकवाद, कट्टरपंथ, मादक पदार्थो की तस्करी और साइबर अपराध के खतरों से निपटने के लिए करीबी और नियमित सम्पर्क पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने अपनी क्षेत्रीय और नौवहन सुरक्षा से जुड़ी रक्षा और सुरक्षा संस्थाओं के बीच संवाद को बढाने का निर्णय किया ।

ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और ईरान ने आतंकवाद से निपटने के लिए खुफिया सूचनाओं के आदान प्रदान में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की । रूहानी ने कहा, ‘‘ इस क्षेत्र विशेष तौर पर अफगानिस्तान, इराक, सीरिया, यमन जैसे देशों में स्थिरता और सुरक्षा के महत्व को देखते हुए, क्योंकि इन क्षेत्रों में आतंकवाद एक बड़ी समस्या है। दोनों देशों ने राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की और खुफिया सूचनाओं में सहयोग पर सहमति व्यक्त की । उन्होंने कहा कि भारत और ईरान ने आतंकवाद और कट्टरपंथ से मुकाबला करने और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता में योगदान देने के लिए एक दूसरे से करीबी सहयोग करने का निर्णय किया।  

पुराना गौरव वापस लाने का समय : मोदी
भारत और ईरान के बीच के पुराने सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ये वह समय है जब दोनों देश कई ‘उतार-चढ़ाव’ का गवाह रहे अपने एेतिहासिक संबंधों के ‘पुराने गौरव’ को फिर से हासिल करके साथ चल सकते हैं। यहां सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने इस बारे में बात की कि दोनों देशों की संस्कृति किस तरह सदियों से एक दूसरे से जुड़ी हैं। मोदी ने फारसी पांडुलिपि भी जारी की।  मोदी ने कहा, ‘‘भारत और ईरान हमेशा साझेदार और मित्र रहे हैं। हमारे एेतिहासिक संबंधों ने उतार-चढ़ाव देखे होंगे, पंरतु हमारी साझेदारी हम दोनों के लिए अथक शक्ति का स्रोत रही है।’’ 

 


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