लोगों का यूरोप से मोह भंग, WHM वीजा कारण ऑस्ट्रेलिया जाने का बढ़ा रुझान

punjabkesari.in Thursday, Dec 15, 2022 - 02:27 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: यूरोप में भी महंगाई चरम पर होने कारण लोगों का मोह इन देशों से भंग हो रहा है जबकि ऑस्ट्रेलिया का वर्किंग हॉलिडे-मेकर (WHM) वीजा बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित कर रहा है। यह एक खास वीजा है, जिसके तहत लोग 12 महीने की छुट्टी पर ऑस्ट्रेलिया जा सकते हैं। इस दौरान वे अस्थायी नौकरी भी कर सकते हैं या साथ में पढ़ाई भी कर सकते हैं। इन्हें 'बैकपैकर्स' भी कहा जाता है। 2019 में इस वीजा से 3 लाख से ज्यादा पर्यटक ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे। अब कोविड लॉकडाउन हटने के बाद बढ़ती महंगाई के बावजूद ऑस्ट्रेलिया में WHM वीजा धारकों की कतार लग रही है।

 

इसका कारण यह है कि यूरोप में भी महंगाई चरम पर है। उन्हें अपने घरेलू देशों की तुलना में ऑस्ट्रेलिया में रहना सस्ता लगता है।वास्तव में, बैकपैकर को आवास प्रदान करने वाले कई छात्रावास कोविड के कारण बंद हो गए थे, जिस  कारण अब पर्यटकों के ठहरने के लिए स्थानों की कमी हो गई है। इस वजह से किराए में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। जैसे-जैसे क्रिसमस आ रहा है एयरलाइंस और आवास के लिए बुकिंग बढ़ रही है। 2019 की इसी अवधि की तुलना में सितंबर-अक्टूबर 2022 में यात्रा वेबसाइट कयाक पर आवास की खोज में 127% की वृद्धि हुई।

 

इस बीच ऑस्ट्रेलियाई घरेलू हवाई किराए 2004 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। अभी भी ऐसे हजारों यात्री हैं जिन्हें वर्किंग हॉलिडे-मेकर वीजा दिया गया है, लेकिन कम हवाई किराए की प्रत्याशा में अभी तक ऑस्ट्रेलिया नहीं पहुंचे हैं। बावजूद इसके ऑस्ट्रेलिया में पर्यटकों की कतार बढ़ती जा रही है। नीदरलैंड के पर्यटक ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में सबसे सस्ती जगह 2 सप्ताह पहले बुकिंग करके ही मिल सकती है। ऑस्ट्रेलिया में सर्फर पैराडाइज नाम के हॉस्टल में 100 लोगों वाले एक कमरे में रहने के लिए 14 हजार रुपए से ज्यादा चुकाने पड़ते हैं। 


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Content Writer

Tanuja

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