ट्रंप के उत्तर कोरिया खिलाफ कड़े बयान का अमरीका में विरोध

punjabkesari.in Thursday, Sep 21, 2017 - 03:33 PM (IST)

वॉशिंगटनः अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप द्वारा संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के खिलाफ  इस्तेमाल की गई बहुत कड़ी भाषा अमरीका के भीतर ही विरोध शुरू हो गया है। हिलेरी क्लिंटन ने ट्रंप के इस बयान को खतरनाक करार देते कहा कि ये बहुत खतरनाक था, ये ऐसा संदेश नहीं था जो दुनिया के एक महान राष्ट्र के नेता को देना चाहिए था। 

अब सवाल यह उठता है कि अगर अमरीका उत्तर कोरिया पर हमला करता है तो दुनिया पर इसका क्या असर होगा व इस जंग का क्या अंजाम होगा? अगर ट्रंप अपनी सेना को उत्तर कोरिया पर हमला करने का आदेश देते हैं तो किस तरह वो उत्तर कोरिया की घेरेबंदी कर सकती है। उत्तर कोरिया के उत्तर में चीन है, दक्षिण में दक्षिण कोरिया है, पूर्व में पीला सागर है और पश्चिम में जापान सागर है। उत्तर कोरिया से करीब 7 हजार किमी दूर हवाई में अमरीकी पैसेफिक कमांड है, जिसके पास 40 हजार जवान, विमानवाहक पोतों समेत 200 वॉरशिप और करीब 1 हजार हवाई जहाज हैं। करीब 3400 किमी दूर गुआम में 4 हजार जवान, बी 52 बॉम्बर्स के साथ फाइटर जेट्स की तैनाती है।

जापान में भी करीब 40 हजार जवान, यूएस नेवी की 7th फ्लीट जिसमें विमानवाहक पोत सहित 60-70 वॉरशिप, 140 हवाई जहाज और 12 से ज्यादा परमाणु पनडुब्बियां हैं. वहीं दक्षिण कोरिया में करीब 35 हजार जवान, 300 से ज्यादा टैंक, थाड एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती है। हमले में सबसे ज्यादा अहम भूमिका निभाएंगे अमरीकी विमानवाहक पोत क्योंकि उत्तर कोरिया के पास एक भी एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है।  इसलिए अमरीका अपने एयरक्राफ्ट कैरियर्स से उत्तर कोरिया को चारों ओर से घेर लेगा और इनसे उड़कर फाइटर जेट्स उत्तर कोरिया पर बमबारी कर तबाही मचा देंगे।

उत्तर कोरिया के बेहद करीब समंदर में तैनात डेस्ट्रॉयर्स अपनी मिसाइलों और एयर डिफेंस से उत्तर कोरियाई एयरफोर्स के हमलों को नाकाम कर सकते हैं। वहीं दक्षिण कोरिया में मौजूद अमरीकी ग्राउंड फोर्सेस टैंकों और तोपों के साथ पूरी ताकत से उत्तर कोरिया के दक्षिणी छोर पर हमला करेगी। जिन्हें समंदर में तैनात जबरदस्त ताकतवर अमेरिकी नेवी और उसके फाइटर जेट्स की मदद मिलेगी। वहीं उत्तर कोरिया भी अपनी पूरी ताकत अमरीका के खिलाफ झोंक देगा. उसके पास भी करीब पौने दस लाख सैनिकों वाली सेना है। उसके एयरफोर्स के पास भी खासी तादाद में फाइटर जेट्स हैं जो अमरीका को टक्कर दे सकते हैं. इसके अलावा उसके पास कम, मध्यम और लंबी दूरी की बेहद खतरनाक मिसाइलें भी हैं जिनका इस्तेमाल वो जंग में जरूर करेगा। 
 


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