श्रीलंका हिंसा: दंगाइयों से घिरे पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे ने परिवार संग ली नौसैनिक अड्डे पर शरण

punjabkesari.in Tuesday, May 10, 2022 - 05:35 PM (IST)

नेशनल डेस्कः श्रीलंका के त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे के सामने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के कुछ सदस्यों के कोलंबो स्थित आधिकारिक आवास से निकलने के बाद त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे पर मौजूद होने की खबरें सामने आने के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। श्रीलंका में तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा, देश में घोर आर्थिक संकट पर उन्हें हटाने की मांग कर रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद सोमवार को हिंसा भड़क गई थी।

कोलंबो और अन्य शहरों में हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। देश में आर्थिक संकट के बीच सोमवार को महिंदा राजपक्षे (76) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस घटनाक्रम से कुछ घंटे पहले महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया था और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया था।

समाचार पत्र ‘डेली मिरर' की खबर अनुसार, प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास ‘टेंपल ट्रीज' से निकलने के बाद महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के कुछ सदस्यों के वहां पहुंचने की खबरों के बाद त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। त्रिंकोमाली श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी तट पर स्थित एक बंदरगाह शहर है। महिंदा राजपक्षे मंगलवार की सुबह अपने सरकारी ‘टेंपल ट्रीज' आवास से उस समय निकल गये थे, जब भीड़ ने परिसर में घुसने की कोशिश की।

‘टेंपल ट्रीज' आवास में घुसने की कोशिश कर रही भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने सोमवार की रात आंसू गैस के गोले छोड़े। इस बीच वकीलों के एक समूह ने महिंदा राजपक्षे और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया है कि महिंदा राजपक्षे और उनके सहयोगियों ने सोमवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हमले करने के लिए लोगों को कथित तौर पर उकसाया था। हंबनटोटा में राजपक्षे के पैतृक आवास सहित कई नेताओं के घरों में सोमवार को आगजनी की गई थी।

गौरतलब है कि वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है।


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Content Writer

Yaspal

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