डेल्टा एयरलाइंस की उड़ान में हवा में जोरदार झटकों के कारण आपातकालीन लैंडिंग, 25 यात्री घायल

punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 03:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: डेल्टा एयरलाइंस की एक यात्री उड़ान जो साल्ट लेक सिटी से एम्स्टर्डम जा रही थी, उसे बुधवार रात अचानक हवा में जोरदार झटकों का सामना करना पड़ा। इस वजह से विमान में बैठे कई यात्री घायल हो गए। स्थिति गंभीर होने पर विमान को मिनियापोलिस-सेंट पॉल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी।

आपातकालीन लैंडिंग और घायल यात्रियों का इलाज

मिनियापोलिस में विमान सुरक्षित उतरने के बाद, चिकित्सीय टीम ने यात्रियों का निरीक्षण किया। इस घटना में 25 यात्रियों को गंभीर चोटें आईं जिन्हें जांच और इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। एयरलाइन ने बताया कि यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है और घायल यात्रियों की अच्छी देखभाल की जा रही है। 
इससे पहले मई 2024 में सिंगापुर एयरलाइंस की एक उड़ान में भी इसी तरह हवा में जोरदार झटकों के कारण एक यात्री की मृत्यु हो गई थी। यह कई दशकों में पहली बार था जब किसी प्रमुख एयरलाइन की उड़ान में इस वजह से कोई जान गई। इस घटना ने विमान यात्रा में ऐसी परेशानियों की गंभीरता को फिर से सामने ला दिया।

हवा में जोरदार झटके क्यों होते हैं?

हवा में जोरदार झटके या टर्बुलेंस तब होते हैं जब विमान अचानक तेज़ हवा, जेट स्ट्रीम या मौसम की तेज़ी के कारण हिलता-डुलता है। ये झटके अक्सर अप्रत्याशित होते हैं और यात्रियों के लिए असुविधाजनक हो सकते हैं। हालांकि गंभीर चोटें लगना बहुत ही कम होता है, फिर भी ये झटके कभी-कभी खतरनाक साबित हो सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन से बढ़ रहे हैं विमान में झटकों के खतरे

वैज्ञानिकों के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी के वायुमंडल में बदलाव आ रहे हैं। खासकर जेट स्ट्रीम की दिशा और गति में बदलाव से विमान उड़ान के दौरान अधिक झटकों का सामना कर सकते हैं। इसके चलते ऐसे हादसों की संख्या बढ़ने की संभावना है, जिससे हवाई यात्रा और भी जोखिम भरी हो सकती है।

सुरक्षित यात्रा के लिए क्या करें?

हवा में झटकों के समय सीट बेल्ट लगाकर रखना सबसे जरूरी होता है। इससे चोट लगने का खतरा काफी कम हो जाता है। एयरलाइंस को यात्रियों को इस बात के लिए जागरूक करना चाहिए कि उड़ान के दौरान हमेशा सीट बेल्ट लगाना जरूरी है। साथ ही मौसम की सही जानकारी और नई तकनीक का इस्तेमाल करके झटकों से बचाव के उपाय किए जा सकते हैं।

 

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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